राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार योजना; आवेदन आज से लिये जायेंगे और अंतिम तिथि 11 अक्टूबर, 2022 है

आवेदन केवल ऑनलाइन प्राप्त किये जायेंगे

इस्पात मंत्रालय ने राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार 2022 को अनुमति दे दी है। आवेदन आज से लिये जायेंगे और उन्हें प्राप्त करने की अंतिम तिथि 11 अक्टूबर, 2022 है। आवेदन एनएमए पोर्टल के जरिये केवल ऑनलाइन लिये जायेंगे। एनएमए पोर्टल का पता  ” https://awards.steel.gov.in/ ” है।

योजना की पृष्ठभूमिः राष्ट्रीय धातुविज्ञानी दिवस पुरस्कारों की शुरुआत तत्कालीन इस्पात एवं खान मंत्रालय ने 1962 में की थी। धातुकर्म के क्षेत्र में धातुविज्ञानियों के शानदार योगदान को मान-सम्मान देने के लिये पुरस्कार शुरू किये गये थे। धातुकर्म के क्षेत्र में संचालन, अनुसंधान, डिजाइन, शिक्षा, अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा संरक्षण की गतिविधियां शामिल हैं। पुरस्कार वार्षिक आधार पर प्रदान किये जाते हैं। पहला पुरस्कार 1963 में दिया गया था और उसके बाद से हर वर्ष पुरस्कार प्रदान किया जाता है। समय बीतने के साथ पुरस्कार के वर्गों और पुरस्कार धनराशि में भी बढ़ोतरी होती गई।

प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुपालन में पुरस्कारों को तर्कसंगत बनाने के सम्बंध में गृह मंत्रालय से प्राप्त निर्देशानुसार, योजना को तर्कसंगत बनाने का प्रस्ताव किया गया है। गृह मंत्रालय द्वारा प्राप्त सलाह को मद्देनजर रखते हुये पुरस्कार का नाम, पुरस्कार समारोह की तिथि बदलने, पुरस्कारों की संख्या घटाने और पुरस्कार की गरिमा बढ़ाने के लिये पुरस्कार-योग्यता को पहले से अधिक कठोर बनाने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही नामांकन के दायरे को भी बढ़ाने का भी प्रस्ताव शामिल है। योजना का विवरण इस प्रकार हैः-

  1. योजना का नामः राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार।
  2. उद्देश्यः लौह और इस्पात सेक्टर में कार्यरत धातुविज्ञानियों के शानदार योगदान का मान-सम्मान करना, जिसमें निर्माण, अनुसंधान, डिजाइन, शिक्षा, अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा संरक्षण की गतिविधियों के क्षेत्र तथा आत्मनिर्भर भारत के ध्येय को प्राप्त करने के लिये धातुविज्ञानियों के योगदान को सम्मिलित किया गया है।
  3. नामांकन प्रणालीः पुरस्कार के लिये नामांकन इस्पात मंत्रालय की वेबसाइट या गृह मंत्रालय द्वारा विकसित किये जाने वाले केंद्रीय पोर्टल पर आमंत्रित किये जायेंगे। नामांकन कंपनियों/संगठनों के माध्यम से या स्व-नामांकन के रूप में आम जनता द्वारा किया जा सकता है।
  4. राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार की तिथिः प्रत्येक वर्ष तीन फरवरी को – (तीन फरवरी, 1959 को तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आजादी के बाद राउरकेला में देश के पहले ब्लास्ट फर्नेस का लोकार्पण किया था)।
  5. पुरस्कारों की संख्या और पुरस्कार धनराशिः
क्रम संख्यापुरस्कार का नामपुरस्कारों की संख्यापुरस्कार राशि
1जीवन पर्यन्त उपलब्धि पुरस्कार1शून्य
2राष्ट्रीय धातुविज्ञानी पुरस्कार1शून्य
3युवा धातुविज्ञानी (पर्यावरण विज्ञान)1100000
4युवा धातुविज्ञानी (धातु विज्ञान)1100000
5लौह एवं इस्पात सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के लिये पुरस्कार1100000
कुल 5300000
  1. पात्रता शर्तें:
क्रम संख्यापुरस्कार वर्गअनुभव के न्यूनतम वर्षआयु सीमा (वर्षों में)योगता मानक
1जीवन पर्यन्त20न्यूनतम: 50न्यूनतम: धातुकर्म इंजीनियरिंग/पदार्थ विज्ञान या उसके समकक्ष विषय में स्नातक डिग्री
2राष्ट्रीय धातुविज्ञानी15न्यूनतम: 40न्यूनतम: धातुकर्म इंजीनियरिंग/पदार्थ विज्ञान या उसके समकक्ष विषय में स्नातक डिग्री
3युवाधातुविज्ञानी (पर्यावरण विज्ञान)05अधिकतम: 35न्यूनतम: धातुकर्म इंजीनियरिंग/पदार्थ विज्ञान या उसके समकक्ष विषय में स्नातक डिग्री
4युवाधातुविज्ञानी (धातु विज्ञान)05अधिकतम: 35न्यूनतम: धातुकर्म इंजीनियरिंग/पदार्थ विज्ञान या उसके समकक्ष विषय में स्नातक डिग्री
5लौह एवं इस्पात सेक्टर में अनुसंधान एवं विकास के लिये पुरस्कार10न्यूनतम:35न्यूनतम: धातुकर्म इंजीनियरिंग/पदार्थ विज्ञान या उसके समकक्ष विषय में स्नातक डिग्री
  1.  मूल्यांकन मानक और महत्ताः पुरस्कार पर विचार केवल पूर्णांक 100 में से प्राप्तांक 75 पर ही किया जायेगा। पुरस्कारों पर विचार करने के लिये हर वर्ग से कम से कम पांच आवेदन होने चाहिये।
क्रम संख्या विवरणमहत्ता (वेटेज)
मानक 1कार्य-सम्बंधी उपलब्धियां/विशेषताकामकाज, परिणाम और कार्य-व्यपार के विशेष क्षेत्र में प्रभाव30%
मानक 2कार्य के प्रति समर्पणजन शिक्षा और भारत में धातुविज्ञान की भूमिका के प्रति जागरूकता पैदा करना; अकादमिक और अनुसंधान क्षेत्रों तथा विभिन्न उद्योग में सक्रिय योगदान30%
मानक 3नामित व्यक्ति के नियमित कामकाज के अलावा समाज और समुदाय के प्रति उसकी सेवातकनीकी प्रतिभा के अलावा, सामुदायिक सेवा और लोगों तथा समुदाय की परिस्थितियों को सुधारने के उद्देश्य से समाज-केंद्रित समस्याओं के समाधान के लिये किये गये स्वयंसेवी कार्य।10%
मानक 4तकनीकी प्रकाशन/पेटेंट/कॉपीराइटऔद्योगिक क्षेत्र को मद्देनजर रखते हुये किये गये कार्यों की मान्यता और प्रकाशन का उपयोग। ऐसे लेखों/पेटेंटों की गुणवत्ता अतिरिक्त प्रतिभा मानी जायेगी।30%
  1. चयन पद्धतिः मूल्यांकन दो स्तरीय प्रणालियों के आधार पर किया जायेगा, जिनमें जांच समिति और चयन समिति शामिल हैं।

जांच समिति आवेदनों और सम्बंधित दस्तावेजों की जांच करेगी। वह पात्रता शर्तों को मद्देनजर रखते हुये आवेदनों को मंजूर या नामंजूर करेगी तथा चयन समिति के समक्ष आवेदनों पर समग्र रिपोर्ट पेश करेगी।

दस्तावेजों की जांच करने के बाद चयन समिति तय मानकों के अनुसार अंक निर्धारित करेगी तथा पुरस्कार विजेताओं की सूची की सिफारिश करेगी।

  1. समितियों का संयोजनः जांच/चयन समितियों के सदस्यों में ऐसे लोग शामिल किये जायेंगे, जो जाने-माने हों, प्रतिष्ठित हों और उनके विरुद्ध कोई विवाद न हो। सदस्यों को आवेदकों/प्रायोजक संगठनों से जुड़ा हुआ नहीं होना चाहिये, न प्रत्यक्ष रूप से और न प्रत्यक्ष रूप से।

जांच समितिः उद्योग, अनुसंधान संगठनों और अकादमिक संस्थानों से सेक्टर विशेष के जानकारों का पैनल होगा। इन्हें जांच समिति के लिये चुना जायेगा, जो इस्पात मंत्रालय के अतिरिक्त औद्योगिक सलाहकार की अध्यक्षता में काम करेगी।

चयन समितिः एनएमडी पुरस्कार चयन समिति की अध्यक्षता इस्पात मंत्रालय के सचिव करते हैं तथा अन्य सदस्यों में इस्पात मंत्रालय के अपर सचिव/संयुक्त सचिव; गृह मंत्रालय से पुरस्कार महानिदेशक; और उद्योग, अनुसंधान संगठनों तथा अकादमिक संस्थानों के सेक्टर विशेष के जानकार शामिल हैं।

  1.  पुरस्कार की समय-सारिणीः
गतिविधिअविधि (दिनों में)लगने वाला समय (दिनों में)
आवेदन के लिये सूचना30 दिन0
आवेदन की अंतिम तिथि30
आवेदन की पात्रता की जांच आरंभ30 days31
आवेदन की जांच का समापन60
आवेदनों का मूल्यांकन आरंभ45 दिन61
आवेदनों के मूल्यांकन का समापन105
पुरस्कार विजेताओं के नामों की मंजूरी30 दिन106
135
पुरस्कार वितरण45 दिन136
180
कुल समय  
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