लखनऊ 12 जुलाई 2022(सूचना विभाग), आज दिनांक 12 जुलाई को श्रीमती निहारिका जायसवाल, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा जिला कारागार, लखनऊ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय श्री आषीष तिवारी, अधीक्षक, जिला कारागार, लखनऊ उपस्थित थे, उनके सहयोग से जिला कारागार, लखनऊ के पूरे परिसर का निरीक्षण किया गया। कारागार निरीक्षण का उद्देष्य वास्तव में यह जानना था कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पात्र बन्दियों को न्याय सुलभ कराने हेतु सार्थक कार्यवाही हो रही है तथा कारागार के प्रषासन की गुणवत्ता में सुधार है। जिला कारागार, लखनऊ में स्थित महिला बैरिकों का निरीक्षण किया गया, उनके रहने का स्थान देखा गया। शौचालय और स्नानागार का निरीक्षण किया गया। पुरूष बन्दियों के बैरकों का निरीक्षण किया गया। पाकषाला का निरीक्षण किया गया। महिला बन्दियों के साथ निरूद्ध बन्दियों के बच्चों के पास वस्त्र, खेलकूद, मनोरंजन तथा षिक्षा व्यवस्था आदि का जायजा लिया गया। पाकषाला की सफाई व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता देखी गयी। सफाई व हाइजीन तथा पेयजल की व्यवस्था की जांच की गयी। देखा गया कि साप्ताहिक मीनू पाकषाला में अंकित है कि नहीं।, जो बन्दी श्रम पर लगाये गये है, उनका भुगतान आदि किये जाने की क्या व्यवस्था के बारे में भी जानकारी हासिल की गयी। बन्दियों के मध्य विधिक साक्षरता षिविर का आयोजन किया गया। बन्दियों को उनकी लाभकारियों योजनाओं के साथ-साथ उन्हें विधि की सामान्य जानकारी उपलब्ध करायी गयी। बन्दियों के अधिकारांे, जमानत, समयपूर्व रिहाई, लोक अदालत सुलह समझौते के आधार पर मामलों का निस्तारण तथा प्लीबारगेनिंग आदि के बारे में बन्दियों को जानकारी उपलब्ध करायी गयी। बन्दियों को बताया गया कि कारागार में निरूद्ध सभी बन्दी निषुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के पात्र है, इसके अतिरिक्त समस्त महिलायें एवं बच्चें निषुल्क विधिक सहायता के पात्र है। जो सिद्धदोष बन्दी वह सब विधिक सहायता प्राप्त करके अपनी अपील माननीय उच्च न्यायालय में दायर कर सकते है। इस हेतु उन्हें कोई फीस वकील को नहीं देनी होगी। बन्दियों से ज्ञात किया गया कि उनके मुकदमों की क्या स्थिति है तथा उन्हें किस प्रकार की विधिक सहायता की आवष्यकता है। जिला कारागार का निरीक्षण समाप्त करने के बाद आज ही आदर्ष कारागार का निरीक्षण किया गया तथा श्री सी.पी.त्रिपाठी, प्रभारी अधीक्षक, आदर्ष कारागार, लखनऊ के सहयोग से बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा उनकी समस्याओं की जानकारी हासिल की गयी। विधिक सहायता की आवष्यकता होने पर उन्हें बताया गया कि सभी बन्दी जिनकी अपील नहीं हुयी हो वह सभी विधिक सहायता प्राप्त करके अपनी अपीलें माननीय उच्च न्यायालय में दायर कर सकते है। उपरोक्त निरीक्षण जिला कारागार, लखनऊ के अधीक्षक एवं कारागार प्रषासन के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। निरीक्षण निरन्तर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा आगे भी किया जाता रहेगा।

लखनऊ 12 जुलाई 2022(सूचना विभाग): आज दिनांक 12 जुलाई को श्रीमती निहारिका जायसवाल, पूर्णकालिक सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा जिला कारागार, लखनऊ का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय श्री आषीष तिवारी, अधीक्षक, जिला कारागार, लखनऊ उपस्थित थे, उनके सहयोग से जिला कारागार, लखनऊ के पूरे परिसर का निरीक्षण किया गया। कारागार निरीक्षण का उद्देष्य वास्तव में यह जानना था कि विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से पात्र बन्दियों को न्याय सुलभ कराने हेतु सार्थक कार्यवाही हो रही है तथा कारागार के प्रषासन की गुणवत्ता में सुधार है। जिला कारागार, लखनऊ में स्थित महिला बैरिकों का निरीक्षण किया गया, उनके रहने का स्थान देखा गया। शौचालय और स्नानागार का निरीक्षण किया गया। पुरूष बन्दियों के बैरकों का निरीक्षण किया गया। पाकषाला का निरीक्षण किया गया। महिला बन्दियों के साथ निरूद्ध बन्दियों के बच्चों के पास वस्त्र, खेलकूद, मनोरंजन तथा षिक्षा व्यवस्था आदि का जायजा लिया गया। पाकषाला की सफाई व्यवस्था, भोजन की गुणवत्ता देखी गयी। सफाई व हाइजीन तथा पेयजल की व्यवस्था की जांच की गयी। देखा गया कि साप्ताहिक मीनू पाकषाला में अंकित है कि नहीं।, जो बन्दी श्रम पर लगाये गये है, उनका भुगतान आदि किये जाने की क्या व्यवस्था के बारे में भी जानकारी हासिल की गयी।
बन्दियों के मध्य विधिक साक्षरता षिविर का आयोजन किया गया। बन्दियों को उनकी लाभकारियों योजनाओं के साथ-साथ उन्हें विधि की सामान्य जानकारी उपलब्ध करायी गयी। बन्दियों के अधिकारांे, जमानत, समयपूर्व रिहाई, लोक अदालत सुलह समझौते के आधार पर मामलों का निस्तारण तथा प्लीबारगेनिंग आदि के बारे में बन्दियों को जानकारी उपलब्ध करायी गयी। बन्दियों को बताया गया कि कारागार में निरूद्ध सभी बन्दी निषुल्क विधिक सहायता प्राप्त करने के पात्र है, इसके अतिरिक्त समस्त महिलायें एवं बच्चें निषुल्क विधिक सहायता के पात्र है। जो सिद्धदोष बन्दी वह सब विधिक सहायता प्राप्त करके अपनी अपील माननीय उच्च न्यायालय में दायर कर सकते है। इस हेतु उन्हें कोई फीस वकील को नहीं देनी होगी। बन्दियों से ज्ञात किया गया कि उनके मुकदमों की क्या स्थिति है तथा उन्हें किस प्रकार की विधिक सहायता की आवष्यकता है। जिला कारागार का निरीक्षण समाप्त करने के बाद आज ही आदर्ष कारागार का निरीक्षण किया गया तथा श्री सी.पी.त्रिपाठी, प्रभारी अधीक्षक, आदर्ष कारागार, लखनऊ के सहयोग से बन्दियों से मुलाकात की गयी तथा उनकी समस्याओं की जानकारी हासिल की गयी। विधिक सहायता की आवष्यकता होने पर उन्हें बताया गया कि सभी बन्दी जिनकी अपील नहीं हुयी हो वह सभी विधिक सहायता प्राप्त करके अपनी अपीलें माननीय उच्च न्यायालय में दायर कर सकते है।
उपरोक्त निरीक्षण जिला कारागार, लखनऊ के अधीक्षक एवं कारागार प्रषासन के सहयोग से सफलतापूर्वक किया गया। निरीक्षण निरन्तर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ द्वारा आगे भी किया जाता रहेगा।

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