कृषि रक्षा विभाग के अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित

आई.पी.एम. पर राज्य कृषि रक्षा विभाग के अधिकारियों को किया गया प्रशिक्षित  

 लखनऊ – भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के क्षेत्रीय  केन्द्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र, लखनऊ में आयोजित किये जा रहे  दो दिवसीय आई. पी. एम. ओरिएंटेशन एच. आर. डी. कार्यक्रम का समापन हुआ  I कार्यक्रम के समापन के अवसर पर राज्य कृषि विभाग के उप निदेशक (कृषि रक्षा)  डॉ. अनिल कुमार सागर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे I रीजनल सेन्ट्रल आई.पी.एम. सेंटर  के प्रभारी अधिकारी तथा उप निदेशक डॉ. ज्ञान प्रकाश सिंह ने आई . पी. एम. पर प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु आये हुए राज्य कृषि  विभाग के अधिकारियों/कर्मचारियों  को एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन की वर्तमान प्रासंगिकता का संक्षिप्त वर्णन तथा दो दिवसीय आई.पी.एम. प्रशिक्षण कार्यक्रम के रूप-रेखा के बारे में अवगत कराया I डॉ. जी. पी. सिंह ने कहा कि  किसानों द्वारा फसलों पर रासायनिक कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग की वजह से होने वाले दुष्परिणाम  को रोकने एवं फसल संरक्षण हेतु रासायनिक कीटनाशक के प्रयोग के विकल्प के रूप में भारत सरकार द्वारा अपनाये गए आई.पी.एम. विधि को किसानों तक पहुँचाने हेतु राज्य कृषि रक्षा विभाग के विभिन्न जनपदों से आये हुए 40 अधिकारियों/कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया गया I उप निदेशक, आर.सी.आई. पी.एम. सी. ने बताया कि मनुष्यों में होने वाले कैंसर जैसी तमाम बीमारियों  का प्रमुख कारण रासायनिक कीटनाशक ही है I डॉ. अनिल कुमार सागर, उप निदेशक (कृषि रक्षा), उ. प्र. सरकार ने  राज्य कृषि विभाग के प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि आई.पी.एम. वनस्पति संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण, पारिस्थितिक तंत्र, जैव विविधता एवं प्रकृति को सुरक्षित तथा समाज को स्वस्थ एवं संपन्न बनाने का एक महत्त्वपूर्ण आयाम है I उप निदेशक (कृषि रक्षा) ने राज्य कृषि रक्षा विभाग के प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए हुए कहा कि समस्त प्रशिक्षणार्थी  अब मास्टर ट्रेनर हो गए हैं और अपने तैनाती क्षेत्र में कृषि रक्षा के लिए आई.पी.एम. को बढ़ावा दें तथा किसानों में जागरूकता पैदा कर आई.पी.एम. अपनाने के लिए अन्नदाताओं  को प्रेरित करें I डॉ. अनिल  कुमार सागर ने इस प्रशिक्षण की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण कृषि रक्षा के साथ–साथ प्रदेश सरकार द्वारा मॉनिटर किये जा रहे संचारी रोग नितंत्रण के लिए भी प्रभावी होगा क्योंकि चूहों के नियंत्रण के बारे में इस कार्यक्रम में  विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण प्रदान किया गया है I  बिजेंद्र सिंह, सहायक निदेशक, के. पी. पाठक,  शैलेश कुमार, पी.पी.ओ. एवं अन्य पदाधिकारियों  ने मुख्य अतिथि तथा सभी प्रतिभागियों को जैव नियंत्रण प्रयोगशाला का भ्रमण कराया I सहायक वनस्पति संरक्षण अधिकारी अमित सिंह ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया तथा कार्यक्रम के अंत में  धन्यवाद ज्ञापित किया I

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