एमएसएमई के लिए समय पर और पर्याप्त वित्तीय साधनों, सुसंगत प्रौद्योगिकियों एवं उपयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था करना सरकार की एक नीतिगत प्राथमिकता है
सरकार ‘पंचामृत’ लक्ष्यों के अनुरूप सतत रूप से उच्च और अधिक संसाधन-कुशल आर्थिक विकास बनाए रखने के लिए काम करेगी; साथ ही ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देगी
‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के सिद्धांत के अनुसरण में सरकार अगली पीढ़ी के सुधारों पर काम करेगी, और राज्यों एवं हितधारकों के साथ सहमति कायम करेगी

वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में अंतरिम बजट 2024-25 पेश करते हुए ‘अमृत काल’ की रणनीति सामने रखी। केंद्रीय मंत्री ने कहा, “सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के लिए समय पर और पर्याप्त वित्तीय साधनों, सुसंगत प्रौद्योगिकियों और उपयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करना हमारी सरकार की एक महत्वपूर्ण नीतिगत प्राथमिकता है ताकि उनका विकास हो सके और वे वैश्विक स्तर पर भी प्रतिस्पर्धी बन सकें। विनियामकीय परिवेश को उनके विकास के अनुरूप बनाना इस नीति का एक महत्वपूर्ण घटक होगा।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “हमारी सरकार ‘पंचामृत’ लक्ष्यों के अनुरूप सतत रूप से उच्च और अधिक संसाधन-कुशल आर्थिक विकास बनाए रखने के लिए काम करेगी।”उन्‍होंने कहा कि इससे उपलब्धता, पहुंच और मूल्य के लिहाज से ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

श्रीमती सीतारमण ने कहा कि ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के सिद्धांत के अनुसरण में सरकार अब अगली पीढ़ी के सुधारों को अपने हाथ में लेगी, और कारगर क्रियान्वयन के लिए राज्यों और हितधारकों के साथ सहमति बनाएगी।

उन्‍होंने कहा, “ सरकार ऐसी आर्थिक नीतियां अपनाएगी, जिससे विकास को गति और स्‍थायित्‍व मिले, समावेशी और सम्पोषणीय विकास सुविधाजनक हो। साथ ही, उत्पादकता में सुधार हो, सभी के लिए अवसरों का सृजन हो, उनकी क्षमताएं बढ़ाने में मदद मिले और निवेश बढ़ाने तथा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए संसाधनों को तैयार करने में योगदान किया जा सके।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार निवेश की जरूरतों को पूरा करने के लिए आकार, क्षमता, कौशल और विनियामकीय संरचना की दृष्टि से वित्तीय क्षेत्र को तैयार करेगी।

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