चुनाव से पहले एक हुए अर्जुनराम मेघवाल और देवी सिंह भाटी, लंबे समय से चल रही अदावत’ पर ब्रेक
राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले चुनाव से पहले शनिवार बीकानेर से बड़ी सियासी खबर सामने आई है। केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल और पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी चुनाव से पहले एक हो गए है। इसके साथ ही दोनों के बीच लंबे समय से चली आ रही अदावत पर भी ब्रेक लग गया है। माना जा रहा है कि मेघवाल भाटी के बीच चली आ रही खिंचतान पर ब्रेक लगने से राजस्थान में बीजेपी को काफी फायदा होने वाला है।
केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल से मिलने के लिए पूर्व मंत्री देवी सिंह भाटी शनिवार सुबह बीकानेर की एक होटल में पहुंचे। जहां पर दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से हाथ मिलाते हुए मुलाकात की। इस दौरान बीकानेर जिले की विधानसभा सीटों को लेकर दोनों के बीच बंद कमरे में काफी देर तक चर्चा हुई। दोनों ने हाथ मिलाते ही फोटो भी खिंचवाए। इससे यह तोसाफ है कि चुनाव से पहले दोनों के सियासी दोस्ती हो गई है। इससे पहले कोलायत से भाजपा उम्मीदवार और देवी सिंह भाटी के पोते अंशुमान सिंह भाटी भी अर्जुनराम मेघवाल से मिल चुके हैं।
क्यों बनी थी दोनों के बीच दूरियां?
देवी सिंह भाटी पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कट्टर समर्थक माने जाते हैं। वो पहली बार साल 1980 में कोलायत सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद वो लगातार साल 2008 तक इस सीट से जीतते रहे। लेकिन, 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में साल 2018 उनकी पुत्रवधू पूनम कंवर को बीजेपी ने टिकट मिला। लेकिन, कांग्रेस प्रत्याशी भंवर सिंह भाटी ने पूनम को हरा दिया। तभी से केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और देवी सिंह भाटी के बीच सियासी दुश्मनी पनप गई थी।
देवी सिंह भाटी ने आरोप लगाया था कि अर्जुन राम मेघवाल ने उनकी पुत्रवधू के खिलाफ कैंपन करके उसे चुनाव में हरवाया है। इसके बाद देवी सिंह भाटी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीकानेर से अर्जुनराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाए से खफा होकर बीजेपी से नाता तोड़ लिया था।
इतना ही नहीं मेघवाल को हराने के लिए भाटी ने जगह-जगह मीटिंग भी की थी। लेकिन, चुनाव से ठीक पहले भाटी ने फिर से बीजेपी का दामन थाम लिया और अब मेघवाल से दोस्ती कर ली है। ऐसे में माना जा रहा है कि बीकानेर जिले की सभी सीटों पर बीजेपी को चुनाव में काफी फायदा होगा।