अमेठी(संवाददाता: गंगेश पाठक): “मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है।” इस कहावत को अमेठी के सरायखेमा गांव के आशीष पांडेय ने सच कर दिखाया है। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद आशीष ने बीपीएस परीक्षा में 165वीं रैंक हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे जनपद अमेठी का नाम रोशन किया है।
आशीष के पिता ग्रीष पांडेय, ग्राम पंचायत नोहरेपुर रघुनाथपुर, विकासखंड शाहगढ़ के निवासी हैं और आर्मी से सेवानिवृत्त हैं। उनकी मां, अर्चना पांडेय, सरायखेमा प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र हैं। परिवार की सीमित आय और साधनों के बावजूद उन्होंने आशीष को दिल्ली में रहकर बीपीएस परीक्षा की तैयारी करने का अवसर दिया।
आशीष ने बताया कि उसने अपनी तैयारी के बारे में किसी परिचित या रिश्तेदार से कोई जानकारी साझा नहीं की। उसे डर था कि असफल होने पर लोग उसका मजाक उड़ा सकते हैं। इसलिए उसने पूरी मेहनत और लगन से अपनी पढ़ाई जारी रखी। सोशल मीडिया और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करते हुए उसने अपनी तैयारी को और मजबूत किया।
मां के संघर्ष और बेटे की मेहनत का नतीजा
आशीष की मां अर्चना पांडेय ने भावुक होकर कहा, “एक शिक्षा मित्र का मानदेय बहुत सीमित होता है। बावजूद इसके हमने अपने बेटे की पढ़ाई के लिए हर संभव कोशिश की। आज उसकी इस सफलता ने हमारी मेहनत को सार्थक कर दिया।”
गांव में खुशी का माहौल
आशीष की सफलता से नोहरेपुर रघुनाथपुर गांव में खुशी की लहर दौड़ गई है। उनके परिजनों, दोस्तों और पड़ोसियों ने मिठाई बांटकर इस सफलता का जश्न मनाया। आशीष ने बताया कि यह सफलता उनके माता-पिता के त्याग और समर्थन के बिना संभव नहीं थी।
परिश्रम और आत्मविश्वास का संदेश
आशीष पांडेय ने अपनी सफलता से यह संदेश दिया है कि अगर लक्ष्य के प्रति समर्पण और मेहनत हो, तो किसी भी परिस्थिति में सफलता प्राप्त की जा सकती है। उनकी इस उपलब्धि ने न केवल उनके परिवार का, बल्कि पूरे अमेठी जिले का गौरव बढ़ाया है।