अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन ने एक और विवादित कदम उठाया है, चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 30 जगहों को अपना बताते हुए उसका चाइनीज नामकरण कर दिया है. पहले ही चीन दावा करता रहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका हिस्सा है, जिस पर हाल ही में भारत के विदेश मंत्रालय ने जवाब देते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.
भारत लगातार चीन को जवाब दे रहा है जिसके बाद भी चीन अपने कदम पीछे नहीं हटा रहा है. बल्कि लगातार अरुणाचल प्रदेश में अपने पैर पसार रहा है. चीन के सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इन जगहों के नाम और जिओ लोकेशन भी जारी किए है.चीन ने अरुणाचल प्रदेश के जिन 30 जगहों पर बेतुका दावा किया है उसमें 11 आवासीय इलाके, 12 पहाड़, चार नदियां , एक झील, एक दर्रा (pass) और एक खाली जमीन है.
अरुणाचाल प्रदेश पर चीन अपना दावा करता है और उसका जिजांग नाम बताता है. लेकिन अब साउथ चाइना की रिपोर्ट के अनुसार,जानकारी सामने आई है कि चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को अरुणाचल प्रदेश में 30 और स्थानों का नाम बदल दिया, जिसे वह जांगनान या तिब्बत का हिस्सा कहते है. जिसमें 11 आवासीय इलाके, 12 पहाड़, चार नदियां , एक झील, एक दर्रा (pass) और एक खाली जमीन है. हालांकि जिन जगहों का नाम बदला गया है, उनके नाम अभी तक सामने नहीं आए हैं. इन इलाकों के नाम चीनी अक्षरों, तिब्बती लिपि और में लिखा गया है.
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था और पीएम मोदी ने हाल ही में अरुणाचल प्रदेश में सेला टनल का उद्घाटन किया था जिस के बाद से ही चीन तिलमिलाया हुआ है. पीएम के दौरे के बाद चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग जियाओगांग ने 15 मार्च को एक बयान जारी कर कहा था कि वो भारतीय नेताओं के अरुणाचल दौरे का विरोध करता है. जिस के बाद चीन का ये बयान सामने आया. जिस में चीन ने कहा कि जिजांग (अरुणाचल प्रदेश चीनी नाम) चीन का हिस्सा है और चीन भारत के कथित अरुणाचल प्रदेश को न कभी स्वीकार करेगा और इसका सख्ती से विरोध करता है.
हालांकि भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को सख्त जवाब देते हुए कहा कि भारत पहले भी चीन के ऐसे दावों को सिरे से खारिज कर चुका है.
भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्सा बताने वाले बयानों पर टिप्पणी की है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग जितनी बार चाहे अपने बेतुके दाव दोहराता रहे लेकिन इससे हमारा रुख नहीं बदलेगा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा.