फरवरी 2023 में बीमारी के चलते हुआ था निधन, अब परवेज मुशर्रफ को मौत की सजा पर शीर्ष अदालत में सुनवाई की जाएगी

क्या आपने कभी सुना है कि किसी शख्स की मौत होने के बाद, उसकी मौत की सजा पर सुनवाई होगी? शायद नहीं सुना हो. पाकिस्तान में ऐसा होने जा रहा है. मामला पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ से जुड़ा है. मुशर्रफ की मौत के 9 महीने बाद अब उनकी मौत की सजा पर शीर्ष अदालत में सुनवाई की जाएगी.

दरअसल पाकिस्तान के पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ की दोषसिद्धि से संबंधित विभिन्न अपील पर सुप्रीम कोर्ट आने वाले शुक्रवार से सुनवाई शुरू करेगा. इन विभिन्न अपीलों में परवेज मुशर्रफ की भी एक अपील शामिल है, जिसमें उन्होंने अपनी मौत की सजा को पलटने की गुजारिश की थी. परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह के मामले में पाकिस्तान की एक विशेष अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ मुशर्रफ ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी.

17 दिसंबर, 2019 को न्यायमूर्ति वकार अहमद सेठ, न्यायमूर्ति नजर अकबर और न्यायमूर्ति शाहिद करीम की तीन न्यायाधीशों की विशेष अदालत ने संविधान के उल्लंघन के लिए अनुच्छेद 6 के तहत पूर्व राष्ट्रपति और सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ को देशद्रोह का दोषी करार दिया था. इसके बाद मुशर्रफ की गैरमौजूदगी में उन्हें मौत की सजा देने का ऐलान किया गया था.

हालांकि विशेष अदालत के इस फैसले पर पाकिस्तान की सेना ने नाराजगी जाहिर की थी. इसके बाद लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा मुशर्रफ की मौत की सजा को रद्द कर दिया गया था. खास बात ये है कि लाहौर उच्च न्यायालय ने 9 जनवरी साल 2020 को विशेष अदालत पीठ के गठन को ही असंवैधानिक घोषित कर दिया था. लाहौर उच्च न्यायालय के मुताबिक विशेष अदालत का गठन कैबिनेट की मंजूरी के बिना किया गया था. कोर्ट ने इस बात को आधार बनाते हुए इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया.

लाहौर उच्च न्यायालय द्वारा विशेष अदालत के फैसले को असंवैधानिक घोषित करने के फैसले के बाद सिंध उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने 13 जनवरी, 2020 को इसे चुनौती दी. इसमें एसोसिएशन ने इस फैसले को रद्द करने की मांग की थी. याचिका में कहा गया कि लाहौर उच्च न्यायालय का फैसला शीर्ष अदालतों द्वारा निर्धारित कानून के साथ-साथ 2019 लाहौर उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन मामले में उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित आदेश के विपरीत था. इसमें शीर्ष अदालत से संविधान को नष्ट करने के लिए विशेष अदालत द्वारा मुशर्रफ को सुनाई गई सजा को बहाल करने का आग्रह किया गया था.

अब परवेज मुशर्रफ की मौत के 9 महीने बाद उनकी मौत की सजा को निरस्त करने की अपील पर सुनवाई की जाएगी. जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश काजी फैज ईसा, न्यायमूर्ति सैयद मंसूर अली शाह, न्यायमूर्ति अमीनुद दीन खान और न्यायमूर्ति अतहर मिनल्ला की चार सदस्यीय पीठ इस मामले में सुनवाई करेगी.

गौरतलब है कि मुशर्रफ ने अपने वकील सलमान सफदर के जरिए से शीर्ष अदालत में अपील दायर कर दोषसिद्धि को निरस्त करने का आग्रह किया था. याचिका में उन्होंने कहा था कि मुकदमा संविधान से संबंधित नहीं था, उन पर असंवैधानिक तरीके मुकदमा चलाया गया था.

गौरतलब है कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति जनरल परवेज मुशर्रफ का फरवरी 2023 में बीमारी के चलते दुबई में निधन हो गया था. साल 1999 में हुए पाकिस्तान और भारत के बीच करगिल युद्ध हुआ था. इस युद्ध के सूत्रधार परवेज मुशर्रफ ही थे. जिसमें भारतीय सैनिकों ने पाकिस्तान को धूल चटाते हुए जीत का परचम लहराया था.

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