कोरोना महामारी के दौरान ऋषि सुनक ने कहा था ‘लॉकडॉउन से बेहतर है कि कुछ लोगों को मरने दिया जाए’

कोरोना महामारी के दौरान ऋषि सुनक ने कहा था ‘लॉकडॉउन से बेहतर है कि कुछ लोगों को मरने दिया जाए’

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के एक बयान से पूरे ब्रिटेन में बवाल मचा हुआ है. मामला तीन साल पुराना है लेकिन इस पर मचा घमासान नया है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना महामारी के दौरान ऋषि सुनक ने कहा था ‘लॉकडॉउन से बेहतर है कि कुछ लोगों को मरने दिया जाए’. यह दावा किसी और ने नहीं बल्कि सुनक के सीनियर एडवाइजर डोमिनिक कमिंस ने किया है.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पूर्व चीफ साइंटिफिक एडवाइजर पैट्रिक वालेंस ने अपनी डायरी में सुनक के इस बात को नोट किया है. वालेंस ने डोमिनिक कमिंस के हवाले से यह बातें कही हैं. दरअसल, कोरोना पर हुई मीटिंग के दौरान जब कमिंस ने ये पूछा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाया जाए या नहीं, इस पर सुनक ने कहा कि लॉकडॉउन लगाने से बेहतर है कि कुछ लोगों को मरने दो.

बता दें कि वालेंस ने 4 मई 2020 को हुई मीटिंग का जिक्र किया. दरअसल, ऋषि सुनक जिस समय ये बयान दिया था, उस समय वो चांसलर थे. सुनक के बारे में इस खुलासे को लेकर ब्रिटेन की सियासत में घमासान मच गया है. वहीं, इस बीच पीएम सुनक के प्रवक्ता के कहा कि सबूत पेश करने के बाद ही प्रधानमंत्री इस पर कुछ बयान देंगे. बता दें कि ब्रिटेन में कोरोना से 2,20,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है.

बता दें कि कोरोना ने जनवरी 2019 के बाद से ही दुनियाभर में कहर बरपाया था. इस वैश्विक महामारी की वजह से दुनिया में करोड़ों मौतें हुई थीं और लंबे वक्त तक लोग लॉकडाउन के कारण अपने अपने घरों में कैद रहे. भारत में कोरोना का पहला 18 फरवरी 2020 को एक्सेस किया गया था. इसके बाद दिन प्रति दिन इसके आंकड़ों में इजाफा होता गया. भारत में कोरोना से करीब 47 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है.

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