नई दिल्ली। ईडी ने बुधवार को कहा कि टीम ने 124 करोड़ रुपये मूल्य की 78 अचल संपत्तियों और 16 चल संपत्तियों को कुर्क किया है, जो चेन्नई स्थित सुराना ग्रुप ऑफ कंपनीज से जुड़े विभिन्न व्यक्तियों और संस्थाओं के कब्जे में थीं। यह कार्रवाई सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों पर 3,986 करोड़ रुपये की मूल बकाया राशि से जुड़े बैंक धोखाधड़ी के तीन मामलों के संबंध में की गई। ईडी ने इससे पहले इस संबंध में 124.95 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति कुर्क की थी। अब, मामले में कुल 248.98 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई है।

ईडी ने सुराना इंडस्ट्रीज लिमिटेड, सुराना पावर लिमिटेड और सुराना कॉपोर्रेशन लिमिटेड और अन्य के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज तीन एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की थी।

ईडी की जांच में पता चला है कि सुराना समूह की इन तीन कंपनियों ने शेल कंपनियों का जाल बिछाकर बैंकों को धोखा दिया है, जिसमें उन्होंने अपने कर्मचारियों और रिश्तेदारों को निदेशक, मालिक, भागीदार के रूप में नियुक्त किया और माल की वास्तविक आवाजाही के बिना उनके साथ कागजी लेनदेन किया।

बैंकों की क्रेडिट पूंजी को कंपनी के प्रमोटरों के व्यक्तिगत खातों में बैंक फंडों को उनकी सहयोगी शेल कंपनियों से असुरक्षित लोन के रूप में पेश किया गया था।

ईडी ने कहा कि डायवर्ट किए गए कुछ फंड का इस्तेमाल विभिन्न बेनामी कंपनियों के नाम पर चल और अचल संपत्तियां खरीदने में किया गया। सुराना समूह के प्रमोटर्स और अधिकारियों की इन कार्रवाइयों के कारण खाते अनियमित हो गए जिसके कारण अंतत खाते एनपीए हो गए।

ईडी ने कहा कि की गई जांच के आधार पर सुराना इंडस्ट्रीज लिमिटेड और सुराना पावर लिमिटेड के एमडी दिनेश चंद सुराना, सुराना कॉपोर्रेशन लिमिटेड के एमडी विजय राज सुराना और शेल कंपनियों के दो डमी निदेशक पी. आनंद और आई. प्रभाकरन को 12 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया गया था।

ईडी ने इस संबंध में अभियोजन पक्ष की शिकायतें भी दर्ज की हैं। मामले में आगे की जांच जारी है।

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