कहा- ज्ञानवापी तो झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है; अकबर महान नहीं, बलात्कारी था
जयपुर:राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने अकबर को महान बताने पर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि जिस अकबर ने मीना बाजार लगाकर मां और बहनों को उठाने का काम किया।
आखिर वह कैसे महान हो सकता है। अकबर महान नहीं था, बलात्कारी था। उन्होंने कि स्कूलों की कुछ किताबों में चंद्रशेखर आजाद और भगत सिंह को आतंकवादी बताने की भी जानकारी है।
देशभक्तों को आतंकवादी बताकर पढ़ाया जाएगा तो हमारे बच्चों पर इसका विपरीत असर पड़ेगा। इस तरह का कोई अंश हुआ तो उसमें बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों में जोड्रेस है उसे ही पहनकर आना होगा। यदि छूट दी गई तो टीचर्स पर भी कार्रवाई होगी। मदन दिलावर ने कहा कि स्कूली किताबों में जो भी गलत पढ़ाया जा रहा है उन्हें हटाया जाएगा।
फिलहाल लागू नहीं होगा NCERT का सिलेबस
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि एनसीईआरटी के सिलेबस को फिलहाल राजस्थान में लागू नहीं किया जाएगा। मैं सिलेबस में बदलाव करने का अभी पक्षधर नहीं हूं, लेकिन जहां पर भी विवादित अंश है, जिसे जानबूझकर हमारी युवा पीढ़ी को गलत दिशा देने के लिए सम्मिलित किया गया है। जहां हमारे पूर्वजों के बारे में भ्रामक जानकारियां दी गई है। हमारे महापुरुषों को नीचा दिखाने की कोशिश की गई है। मुझे लगता है सिलेबस से इस तरह के अंश को हटाना चाहिए।मातृ-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा वैलेंटाइन
शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हमारे देश में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के दिन केवल फूहड़ता होती है। ऐसे में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे को मात्र-पितृ पूजन दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इस बार तो महज 14 दिन का वक्त बचा है। ऐसे में इतनी जल्दी तैयारी नहीं हो पाएगी।
लेकिन अगले साल से राजस्थान में इस परंपरा को शुरू किया जाएगा। दिलावर ने कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के वक्त वासुदेव देवनानी ने इसे शुरू करने की कोशिश की थी। लेकिन किन्हीं कारणों से यह शुरू नहीं हो पाया था। ऐसे में मेरी नैतिक जिम्मेदारी है कि मैं इस अच्छे काम की शुरुआत करूं।
ज्ञानवापी तो झांकी है, मथुरा-काशी बाकी है
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने ज्ञानवापी पर हुए फैसले को लेकर खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि यह तो पहली झांकी है, अभी मथुरा और काशी बाकी है। उन्होंने कहा कि सरकार कभी कोई जोर जबरदस्ती नहीं करती है, लेकिन जिन सबूतों के आधार पर न्यायालय निर्णय देता है, उसे तो सबको मानना ही पड़ेगा। मेरी मान्यता है कि जो अवशेष निकल रहे हैं।
वह भी श्रीकृष्ण की जन्मभूमि है। ऐसे में इसी साल 22 जनवरी को जब भगवान राम का भव्य मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह था, तब मैंने संकल्प लिया है कि जब तक श्री कृष्ण भगवान की जन्म स्थल पर भव्य मंदिर निर्माण के बाद भगवान की प्राण प्रतिष्ठा नहीं हो जाती है। तब तक मैं एक समय ही भोजन करूंगा और माला भी नहीं पहनूंगा।हिजाब पहनकर आने पर नहीं मिलेगी स्कूल में एंट्री शिक्षामंत्री मदन दिलावर ने कहा कि हम हिजाब विरोधी नहीं है। मुझे हिजाब से किसी तरह की आपत्ति नहीं है। हमारे देश में कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह की ड्रेस पहन सकता है, लेकिन स्कूलों में तय स्कूल ड्रेस में ही स्टूडेंट्स को एंट्री दी जाएगी।
अगर किसी स्टूडेंट को इससे आपत्ति है तो वह किसी दूसरे स्कूल में जा सकता है, जहां स्कूल ड्रेस में छूट दी जाती हो। ऐसे में कोई स्टूडेंट अगर स्कूल में स्कूल ड्रेस में नहीं मिलता है तो स्टूडेंट के साथ टीचर के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस “काली” है
शिक्षा मंत्री ने स्कूलों के होनहार छात्रों को साइकिल, लैपटॉप, टैबलेट देने की योजना पर उन्होंने कहा कि साइकिल देने की प्रक्रिया जारी है। बाकी लैपटॉप टैबलेट के विषय में मुख्यमंत्री से बात करेंगे, उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा। जहां तक साइकिलों के रंग को कांग्रेस शासन काल में भगवा से काला करने का सवाल है तो ये सारी कांग्रेस ही काली है, इसलिए वो काला-काला करेगी ही।
लेकिन अभी पूरा देश राममय हो रहा है। सभी महापुरुषों के पास जितने भी झंडे थे, सब भगवा ही थे। उगते सूर्य से लेकर, प्रज्वलित अग्नि तक सबका रंग भगवा ही है। जब सारी सृष्टि ही भगवा से जगमगाती है तो दूसरी और चीज भगवमयी क्यों ना हो। साइकिल भी भगवा हो जाएगी, तो क्या दिक्कत है।
कांग्रेस ने किया महात्मा गांधी का अपमान
शिक्षामंत्री मदन दिलवार ने अंग्रेजी मीडियम स्कूलों को हिंदीमीडियम स्कूल में तब्दील करने के मामले सामने आने पर कहा कि अंग्रेजी का ज्ञान भी सबको होना चाहिए। इसी तरह संस्कृत, हिंदी और अन्य भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए। स्कूल का नाम बदलकर वहां अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लटका दें, लेकिन वहां शिक्षक न हो। वो कोई पशुओं का बाड़ा नहीं, बल्कि ज्ञान का मंदिर है। शिक्षक नहीं, भवन नहीं और बच्चे हैं, ये उनके भविष्य में अंधकार लाने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस ने स्कूलों को महात्मा गांधी का नाम तो दे दिया, लेकिन उसमें संसाधन नहीं दिए। ये बच्चों के साथ ज्यादती और महात्मा गांधी का घोर अपमान है।