
अनुसूचित जनजातियों के चौमुखी विकास हेतु सरकार कटिबद्ध
‘‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ के तहत प्रदेश में जनजातीय ग्रामों को मूलभूत सुविधाओं से अच्छादित किया जा रहा
योजना का लाभ देने के लिए प्रदेश के 26 जनपदों के 47 ब्लॉक व 517 ग्रामों को किया गया चिन्हित-असीम अरूण
लखनऊ: प्रदेश सरकार अनुसूचित जनजातीय के सामाजिक आर्थिक एवं शैक्षिक उत्थान के लिए कटिबद्ध है। इनको विकास की मुख्य धारा से जोड़ने तथा इनके चौमुखी विकास के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं से अच्छादित किया जा रहा है। राज्य सरकार इनको बुनियादी सुविधाएं जैसे- आवास, स्वास्थ्य, शिक्षा, बिजली एवं पानी आदि उपलब्ध करा रही है।
प्रदेश के समाज कल्याण अनुसूचित जाति एवं जनजाति कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री असीम अरूण ने अनुसूचित जनजाति के कल्याण के लिए संचालित ‘‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ की जानकारी देते हुए बताया कि ‘‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’’ का शुभारंभ माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 2 अक्टूबर, 2024 को किया। इस योजना से देशभर में 63,000 से अधिक जनजातीय बाहुल्य ग्रामों तथा आकांक्षी जनपदों के जनजातीय ग्रामों को 18 विभागों के 25 ैचमबपपिमक प्दजमतअमदजपवदे से संतृप्त किया जा रहा है।
श्री असीम अरूण ने बताया कि प्रदेश में 500 या उससे अधिक जनसंख्या के ग्राम जिसमें अनुसूचित जनजाति की कम से कम 50 प्रतिशत जनसंख्या हो, इस योजना से आच्छादित होंगे। जिसके क्रम में उत्तर प्रदेश में कुल 26 जनपदों में अम्बेडकर नगर, बहराइच, बलिया, बलरामपुर, बाराबंकी, बस्ती, भदोही, बिजनौर, चन्दौली, देवरिया, गाजीपुर, गोरखपुर, जौनपुर, लखीमपुर-खीरी, कुशीनगर, ललितपुर, महराजगंज, महोबा, मिर्जापुर, पीलीभीत, प्रयागराज, संतकबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थ नगर, सीतापुर, सोनभद्र के 47 ब्लाक व 517 ग्रामों को चिन्हित किया गया है।
समाज कल्याण मंत्री ने बताया कि “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान” के क्रियान्वयन हेतु जनजाति विकास विभाग के साथ 17 अन्य विभागो जिसमें ग्राम्य विकास, जलापूर्ति, विद्युत, ऊर्जा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास, शिक्षा, आयुष, दूरसंचार, व्यवसायिक एवं कौशल शिक्षा विभाग, इलेक्ट्रानिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, कृषि और किसान कल्याण, मत्स्य विभाग, पशुपालन एवं डेयरी विभाग, पंचायती राज विभाग तथा पर्यटन विभाग मिलकर कार्य कर रहें है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के अन्तर्गत जनजाति विकास विभाग द्वारा बहुउद्देशीय मार्केटिंग सेंटर की स्थापना करायी जाएगी। इन सेन्टरों पर जनजाति उत्पादों के संकलन, प्रसंस्करण, विपणन (।हहतमहंजपवदध् टंसनम ंकपपजपवद ंदक डंतामजपदह व िज्तपइंस च्तवकनबमे च्वतकनबजे) की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके अलावा योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जनजाति हेतु संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों/छात्रावासों तथा अन्य राजकीय आवासीय विद्यालयों, जो अनुसूचित जनजाति हेतु संचालित किए जा रहे हैं, के उच्चीकरण तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं हेतु वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।