हमास के नेता इस्माइल हानिया ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी से की मुलाकात

फिलिस्तीनी समूह हमास के नेता इस्माइल हानिया ने हाल ही में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खुमैनी से मुलाकात की है. हमास ने शनिवार को इसका खुलासा किया. सुप्रीम लीडर और हानिया के बीच क्या बात हुई, इसका खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब लेबनान में मौजूद हिजबुल्लाह ने फिलहाल युद्ध से अपने पांव पीछे खींचने का ऐलान किया है.

कयास लगाए जा रहे हैं ईरान से हानिया ने हथियार समेत कई जरूरी मदद मांगी है. खुमैनी ने हमास के लिए इस्लामिक राष्ट्रों को इजराइल के खिलाफ एकजुट करने की कोशिश भी की. इसे पहले 25 अक्टूबर को हमास के डिप्टी चीफ सालेह अल अरौरी, इस्लामिक जिहाद के चीफ जियाद अल नखला ने हिजबुल्लाह चीफ नसरुल्लाह से मुलाकात की थी लेकिन नसरुल्लाह के ताजा रुख ने हमास को हताश कर दिया है.

ईरान समर्थित हमास के एक वरिष्ठ अधिकारी ओसामा हमदान ने बेरूत में मीडिया से बातचीत में संगठन चीफ की ईरानी खुमैनी से मुलाकात की बात बताई. हालांकि, ईरान के आधिकारिक मीडिया में इस मुलाकात की रिपोर्टिंग नहीं की गई है. ईरान पर हमास को समर्थन देने और इजराइल पर हमले के लिए उकसाने का आरोप है. बीते दिनों ईरान के टॉप नेता अरब मुल्कों को एकजुट करने में लगे थे. लगातार धमकिया दी जा रही थी कि अगर इजराइल गाजा में घुसपैठ करता है तो इससे क्षेत्रीय युद्ध शुरू हो सकता है.

बीते कुछ दिनों से गाजा में इजराइली सेना का ऑपरेशन चल रहा है लेकिन ईरान की तरफ से किसी तरह का कोई एक्शन नहीं लिया गया है. सुप्रीम लीडर खुमैनी भी कथित रूप से चुप हैं. यही वजह है कि हिजबुल्लाह के प्रमुख हसन नसरल्लाह का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने फिलिस्तीन में मारे जा रहे बच्चों के लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया. आरोप लगाया कि आयतुल्लाह खुमैनी ने खामोशी अख्तियार कर रखी है, जबकि इजराइल गाजा में बच्चों पर जुल्म ढा रहा है. इतना ही नहीं नसरल्लाह ने साफतौर पर कहा कि फिलहाल उसका युद्ध में हिस्सा लेने का कोई प्लान नहीं है. अमेरिका को अपनी सेना को काबू में रखने की भी चेतावनी दी.

हानिया 2019 से कभी कतर और कभी तुर्की में रहते हैं. दोनों देश हमास के करीबी समर्थक हैं, कतर आतंकवादी इस्लामी समूह को सालाना करोड़ों डॉलर की फंडिंग देता है. हालांकि, खुमैनी और तेहरान में उनका इस्लामी शासन हमास के मुख्य सैन्य समर्थक रहे हैं, जो लेबनानी हिजबुल्लाह सहित क्षेत्र में प्रॉक्सी फोर्सेज के अपने नेटवर्क के माध्यम से हथियार और प्रशिक्षण देते हैं. हालांकि, ईरानी शासन ने अब तक इजराइल-हमास संघर्ष में सीधी भागीदारी से परहेज किया है.
अमेरिका ने फारस की खाड़ी में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के अलावा, पूर्वी भूमध्य सागर में फाइटर जेट्स का जत्था तैनात कर रखा है. मसलन, युद्ध शुरू होने के बाद ही अमेरिका ने दो बड़े युद्धपोतों को भूमध्य सागर में तैनात कर दिया था. हिजबुल्लाह चीफ के बयान पर बताया जा रहा है कि वे अमेरिका की इस मौजूदगी से खौफ में हैं. हानिया 31 अक्टूबर को कतर में ईरान के विदेश मंत्री होसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन से पहले ही मिल चुके हैं. अब हानिया के ईरान दौरे के बाद बताया जा रहा है कि ईरानी प्रधानमंत्री इब्राहिम रायसी तुर्की दौरे पर जाने वाले हैं

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