भारत के स्पेस मिशन ने अंतरिक्ष में गाड़े झंडे
भारत के अंतरिक्ष अभियान की कामयाबी का अनंत आसमान है, जिसे फतह करने की शुरुआत हो चुकी है. ये वो करिश्मा है जो ख़ुद को सुपरपावर कहने वाला चीन भी नहीं कर सका है. अंतरिक्ष में भारत की कामयाबी का ये वो पड़ाव है, जिसे छूने की कल्पना तक चीन ने नहीं की है. भारत सोलर मिशन को कामयाब बनाकर कैसे सुपरपावर्स के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा होने वाला है.
अंतरिक्ष की दुनिया में भारत दुनिया की महाशक्तियों के साथ खड़ा है. साथ ही देश पर बुरी नज़र रखने वाले दुश्मनों पर भी भारत की निगाह है. भारतीय सैटेलाइट्स पाकिस्तान के 87% इलाके पर नजर रख सकती हैं यानी कराची की किसी गली से पेशावर के किसी जंगल तक की हलचल भारत देख सकता है और भारत की सैटेलाइट्स की ज़द में चीन का भी एक बड़ा हिस्सा आता है.
अंतरिक्ष में भारत के स्पेस मिशन ने झंडे गाड़ दिए हैं. भारत की स्पेस टेक्नोलॉजी जितना देश के विकास के काम आती है, उतना ही देश के दुश्मन पर भी नज़र रखती है. भविष्य में सीधे-सीधे सेनाएं भले ही आमने सामने ना हों लेकिन युद्ध का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा. कई एक्सपर्ट्स इस बात को लेकर चेतावनी दे चुके हैं कि आने वाले समय में स्पेस वॉर इसका अहम हिस्सा होगा. अगर स्पेस वॉर होता है तो सबसे पहले मिलिट्री सैटेलाइट्स को टारगेट किया जा सकता है.
ऐसी ही बड़ी कामयाबी भारत ने कुछ साल पहले 2019 में भी हासिल की थी. जब भारत ने अंतरिक्ष में एक उपग्रह को एंटी सैटेलाइट मिसाइल से मार गिराया था. भारत ने 2 रॉकेट बूस्टर के साथ 18 टन की मिसाइल से 740 किलो के उपग्रह को लो अर्थ ऑर्बिट में 3 मिनट में मार गिराया था और पीएम मोदी ने फख्र के साथ इसे पूरी दुनिया को बताया.