जगदीशपुर के गौरव: डॉ. प्रदीप तिवारी ने स्वास्थ्य सेवाओं में रचा नया इतिहास
जगदीशपुर(संवाददाता गंगेश पाठक): सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) जगदीशपुर के अधीक्षक डॉ. प्रदीप तिवारी ने अपनी कार्यशैली, सेवा भावना और समर्पण से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं को एक नई दिशा दी है, बल्कि उनकी नेतृत्व क्षमता ने क्षेत्र की पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूती दी है। उन्होंने अपना काम इस तरह से किया है कि मरीजों से लेकर अस्पताल स्टाफ और जनप्रतिनिधियों तक सभी ने उनका विश्वास और सम्मान किया है। उनकी निष्ठा और ईमानदारी की बदौलत सीएचसी जगदीशपुर एक आदर्श संस्थान बन चुका है।
डॉ. तिवारी का मानना है कि स्वास्थ्य सेवा सिर्फ एक जिम्मेदारी नहीं, बल्कि यह समाज सेवा का सबसे प्रभावी रूप है। वह हमेशा अपनी उपलब्धता को सुनिश्चित करते हैं और किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत समाधान प्रदान करते हैं। उनके लिए मरीजों का स्वास्थ्य सर्वोपरि है, और वह हमेशा उन्हें सम्मान देने का प्रयास करते हैं। क्षेत्रीय ग्रामीणों का कहना है, “डॉ. तिवारी से मिलने के बाद हम खुद को सुरक्षित और सम्मानित महसूस करते हैं। उनका कोई भी इलाज न केवल समय पर होता है, बल्कि पूरी तरह से मरीज की हालत को ध्यान में रखते हुए होता है।”
उनकी कार्यशैली की एक खास बात यह है कि वह सीएचसी के सभी कर्मचारियों को प्रेरित करने के लिए नियमित रूप से बैठकों का आयोजन करते हैं। इन बैठकों में आशा बहुएं और अस्पताल स्टाफ अपनी समस्याओं को सीधे उनसे साझा कर सकते हैं। यह बातचीत न केवल समस्याओं को हल करने में मदद करती है, बल्कि पूरे अस्पताल के कामकाजी माहौल को भी सुधारती है। आशा बहुओं का कहना है, “पहली बार किसी अधीक्षक ने हमारी जरूरतों और सुझावों को इतनी गंभीरता से लिया है। डॉ. तिवारी की सोच ने हमें हमारे कार्यों के प्रति और भी प्रेरित किया है।”
डॉ. तिवारी के नेतृत्व में सीएचसी जगदीशपुर में कई महत्वपूर्ण सुविधाएं और सेवाएं जोड़ी गई हैं। इनमें प्रसव सेवाएं, अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ब्लड टेस्ट, मुफ्त दवाइयां, आपातकालीन सेवाएं, और अस्पताल परिसर की सफाई और स्वच्छता प्रमुख हैं। इसके अलावा, उन्होंने अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनके कौशल को भी बेहतर किया है, ताकि वे हर मरीज को सर्वोत्तम सेवा प्रदान कर सकें।
वह हमेशा जनप्रतिनिधियों से जुड़े रहते हैं और ग्राम प्रधानों, बीडीसी सदस्यों से निरंतर संवाद करते हैं। डॉ. तिवारी की यह सक्रियता सुनिश्चित करती है कि किसी भी गांव में स्वास्थ्य संबंधित कोई समस्या उत्पन्न न हो। इसके अलावा, उनका यह प्रयास भी रहता है कि किसी भी व्यक्ति को स्वास्थ्य सेवाओं की कमी महसूस न हो।
डॉ. तिवारी का एक और अद्भुत पहलू यह है कि वह अस्पताल में आने वाले प्रत्येक मरीज से व्यक्तिगत रूप से मिलते हैं। बच्चों से उनका नाम पूछना, बुजुर्गों को सम्मान देना, और मरीजों के साथ उनका स्नेहपूर्ण व्यवहार लोगों के दिलों में उनके प्रति गहरी सम्मान और विश्वास पैदा करता है। यही कारण है कि क्षेत्र के पत्रकार और समाजसेवी भी उनकी विनम्रता और तत्परता की सराहना करते हैं।
हालांकि, डॉ. तिवारी की कार्यशैली को कुछ विरोधियों ने बाधित करने की कोशिश की थी, लेकिन उनकी लोकप्रियता और क्षेत्रवासियों के प्रति निष्ठा ने इन विरोधों को नाकाम कर दिया। उनके काम की गुणवत्ता और क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए योगदान ने उनकी लोकप्रियता को और भी बढ़ाया।
आज, सीएचसी जगदीशपुर पूरे प्रदेश में एक आदर्श के रूप में स्थापित हो चुका है। डॉ. तिवारी का नेतृत्व, उनकी निष्ठा और सेवा भावना यह साबित करते हैं कि जब सेवा और समर्पण का सही संतुलन हो, तो स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति लाई जा सकती है।
समाज में डॉ. तिवारी के योगदान को देखकर यह साफ हो जाता है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए केवल सरकार की नीतियों की आवश्यकता नहीं होती, बल्कि इन नीतियों को सही तरीके से लागू करने के लिए ऐसे नेतृत्व की भी जरूरत होती है जो खुद में एक प्रेरणा हो। डॉ. तिवारी की प्रतिबद्धता ने उन्हें न केवल क्षेत्र का, बल्कि प्रदेश का भी गौरव बना दिया है।
उनके कार्यों की यह कहानी न केवल हमारे समाज के लिए प्रेरणादायक है, बल्कि यह हमें यह भी याद दिलाती है कि अगर किसी कार्य को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ किया जाए, तो उसके परिणाम हमेशा सकारात्मक ही आते हैं।