जयपुर:राजस्थान विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी आत्मचिंतन के दौर से गुजर रही है जहां कहीं कार्यकर्ताओं को फटकार तो कहीं कुछ फैसले समय पर ना ले पाने का मलाल दिखाई दे रहा है. इसी तरह
की बयानबाजी पिछले 2 दिन से प्रदेश में जारी है जहां कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के ताजा बयान से सियासी गलियारों की गरमाहट तेज है.
दरअसल बीकानेर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के ‘दिल की बात’ संवाद कार्यक्रम में प्रदेश प्रभारी रंधावा ने राजस्थान में कांग्रेस की हार पर एक बड़ा बयान दिया है. रंधावा ने कहा कि विधानसभा टिकट वितरण में मुझसे और गोविंद सिंह डोटासरा से गलती हुई और हम समय पर कोई स्टैंड नहीं ले पाए.रंधावा ने आगे कहा कि अगर इन चुनावों में हमारी चलती तो प्रदेश में कांग्रेस सरकार बन जाती. वहीं इससे पहले कार्यकर्ताओं से संवाद करते हुए पीसीसी चीफ गोविंद डोटासरा ने कहा कि जो कार्यकर्ता पार्टी के बड़े कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते हैं पार्टी से उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.
मालूम हो कि बीते गुरुवार को बीकानेर के सूरज टॉकिज सिनेमा हॉल में आयोजित एक कार्यक्रम में कम भीड़ देख डोटासरा उखड़ गए थे. लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की हार को लेकर कई तरह के बयानों के बीच आखिर रंधावा ने अभी ऐसा बयान क्यों दिया, क्या इस बयान का लोकसभा चुनावों को लेकर कोई संकेत है आइए समझने की कोशिश करते हैं.
कार्यकर्ता है तो पार्टी है’ रंधावा ने आगे कहा कि हम लोग चुनावों के दौरान जनता को।कोई विकल्प नहीं दे पाए लेकिन हमने जहां प्रत्याशी तय किए वो 40 हजार से ज्यादा वोटों से जीते क्योंकि लीडरशिप वही है जो हर कार्यकर्ताओं की सुने. उन्होंने कहा कि यहां दरवाजे में बंद करते हैं लेकिन मैं दरवाजा ढूंढूंगा और हर कार्यकर्ता की सुनवाई ही कांग्रेस को जिंदा रखेगी. रंधावा ने कहा कि कांग्रेस है तो हम हैं और मैं हूं तो कांग्रेस है ऐसा सोचने वाले अपनी गलतफहमी निकाल दें क्योंकि आपसे पार्टी है.
डोटासरा की कार्यकर्ताओं को दो टूक वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं से संवाद करने पहुंचे प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी कार्यकर्ताओं की कम संख्या को देखकर जमकर लताड़ लगाई. उन्होंने शहर अध्यक्ष यशपाल गहलोत और देहात जिलाध्यक्ष बिशनाराम सियाग को फटकार लगाते हुए कहा कि जो कार्यकर्ता पार्टी के बड़े कार्यक्रम मेंशामिल नहीं हो सकते उन्हें पार्टी से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि भले ही हम यहां विधानसभा हार गए हों लेकिन आगे लोकसभा चुनाव है.