मर्चेंट नेवी के एक सेलर के जहाज से ‘लापता’ हो जाने के बाद उसके परिवार ने उत्तराखंड सरकार से मदद मांगी है. ये जहाज तुर्किए के एक बंदरगाह के रास्ते पर था. अंकित सकलानी की पत्नी पिंकी ने बताया कि उनके पति मुंबई स्थित कंपनी एल्विस शिप मैनेजमेंट में काम करते हैं और 1 दिसंबर को कंपनी को ज्वाइन किया था. इसके बाद 18 दिसंबर से लापता हैं. उन्होंने कहा कि ज्वाइनिंग के 10 दिन बाद अंकित ने उन्हें ‘अजीब मैसेज’ भेजने शुरू कर दिए थे और वह वापस लौटना चाहते थे.

अंकित की पत्नी पिंकी ने कहा कि उनके पति के पास सेलिंग का 15 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने पहली बार एल्विस शिप कंपनी से संपर्क किया और उसको ज्वाइन किया. उनका जहाज 18 दिसंबर को तुर्किए के एक बंदरगाह पर पहुंचने वाला था, लेकिन उससे पहले ही उनके पति ने उन्हें ‘अजीब मैसेज’ भेजने शुरू कर दिए थे. ज्वाइनिंग की तारीख के बाद 10 दिन ठीक थे, लेकिन बाद में उन्होंने मैसेज करने शुरू कर दिए कि वह बहुत परेशान हैं और घर वापस लौटना चाहते हैं. 11 दिसंबर को उन्होंने मैसेज भेजकर कहा था कि अगर उन्हें कुछ भी हुआ तो इसके लिए कंपनी जिम्मेदार होगी.

पिंकी ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में मुंबई स्थित फर्म से संपर्क साधा है. कंपनी के दो एजेंट ने उन्हें भर्ती किया था, जिनका नाम दिनेश जायसवाल और एक महिला है. पिंकी को बताया कि जहाज इस समय रास्ते में है इसलिए उनसे संपर्क नहीं हो पाएगा. तुर्किए बंदरगाह पर 18 दिसंबर को शिप पहुंचने के बाद ही कुछ बातचीत हो सकेगी. उन्होंने कहा कि कंपनी की ओर से आश्वासन मिलने के बाद वह यह सोचकर निश्चिंत थी कि उन्हें 18 दिसंबर को साइनऑफ मिल जाएगा, लेकिन उसी दिन शाम 5 बजे कंपनी से फोन आया कि उनके पति बंदरगाह पर पहुंचने से ठीक पहले जहाज से कूद गए.

इस बीच अंकित के भाई ने गड़बड़ी की आशंका जताते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है. पिंकी ने आरोप लगाया है कि कंपनी इस घटना को आत्महत्या का रूप दे रही है और उन्होंने परिवार को जवाब देना बंद कर दिया है. अंकित सकलानी देहरादून के रहने वाले हैं और उनकी एक चार साल की बेटी है. इसके अलावा, परिवार ने इस घटना पर तुर्किए दूतावास को भी एक पत्र लिखा है.

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