मिडिल ईस्ट में तनाव, अमेरिका ने UAE में हथियार की तैनाती कर दी

दुनिया में इस वक्त दो मोर्चों पर जंग चल रही है. एक ओर जहां रूस और यूक्रेन के बीच 2 साल से ज्यादा वक्त से युद्ध जारी है तो वहीं इजराइल और गाजा पिछले साल 7 अक्टूबर से आमने-सामने हैं. इन दोनों जंग में दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका का रुख साफ है. वो खुलकर यूक्रेन का साथ दे रहा है तो गाजा से जंग में वो अपने पुराने दोस्त इजराइल के साथ खड़ा है. इन सबके बीच, अमेरिका ने मिडिल ईस्ट में बड़ा कदम उठाया है. उसने संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में ड्रोन की तैनाती कर दी है. अमेरिका ने पहली बार ऐसा किया है.

अमेरिकी वायु सेना ने UAE में अपने मानवरहित लॉन्ग-एंड्योरेंस टैक्टिकल रिकॉनिसेंस एयरक्राफ्ट (ULTRA) को तैनात किया है. सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसमें ग्लाइडर जैसा ड्रोन अमेरिकी सेंट्रल कमांड क्षेत्र से अपने मिशन की तैयारी करते दिख रहा है. हालांकि उस सटीक स्थान का खुलासा नहीं किया गया, जहां पर उसकी लैडिंग की गई है. एक फोटो के कैप्शन में लिखा कि ड्रोन को UAE के अल धफरा एयर बेस पर उतारा गया है. ULTRA को 2019 में वायु सेना अनुसंधान प्रयोगशाला (AFRL) द्वारा बनाया गया था. इसका डिजाइन एक मानवयुक्त स्पोर्ट्स ग्लाइडर पर आधारित है. ये लंबे समय तक निगरानी करने में सक्षम है. ULTRA 80 घंटों तक हवा में रह सकता है.

अमेरिकी वायुसेना की प्लानिंग है कि UAE के बेस पर वो अगले साल तक ऐसे चार और ड्रोन को तैनात करेगा. इन ड्रोन्स के जरिए अमेरिका मिडिल ईस्ट और आसपास के क्षेत्रों में जासूसी कर सकता है. अमेरिका ने हाल ही में UAE में अपने बेस से लड़ाकू जेट और अन्य विमानों को कतर ट्रांसफर किया था. वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक, फरवरी 2024 में यूएई ने अमेरिकी अधिकारियों को अपने फैसले के बारे में बताया दिया था कि वो अल धफरा एयरबेस से यमन और इराक में लड़ाकू विमानों और ड्रोनों को हमले करने की अनुमति नहीं देगा. इसके बाद अमेरिकी कमांडरों ने कतर में अल-उदीद एयर बेस पर विमान को ट्रांसफर करना शुरू कर दिया है.

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