भोजपुरी गायक पवन सिंह को भारतीय जनता पार्टी ने पहले पश्चिम बंगाल के आसनसोल से उम्मीदवार बनाया था, लेकिन पवन सिंह ने बीजेपी का ऑफर अस्वीकार कर दिया है और वह अब काराकाट सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. उनके काराकाट से चुनाव लड़ने पर केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने गुरुवार को भोजपुरी गायक से नेता बने पवन सिंह के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. आरा लोकसभा सीट से दोबारा चुनाव लड़ रहे आर के सिंह ने कहा कि या तो उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वह काराकाट से एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव नहीं लड़ेंगे या उन्हें भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से निलंबित कर दिया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा कि यदि वह काराकाट से चुनाव लड़ते हैं, तो पार्टी से उनका निलंबन उचित निर्णय होगा. उपेन्द्र कुशवा एनडीए के उम्मीदवार हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उम्मीदवार हैं. आरके सिंह ने कहा कि एनडीए उम्मीदवार के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले किसी भी व्यक्ति का मतलब है कि वह मोदी जी के नेतृत्व वाले गठबंधन के खिलाफ है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुशवाहा की जीत प्रधानमंत्री के हाथों को मजबूत करेगी. यह बहुत सरल है. कई प्रयासों के बावजूद पवन सिंह से टिप्पणी के लिए संपर्क नहीं हो सका. भोजपुरी गायक के फैसले के बारे में पूछे जाने पर बिहार भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी सीधा जवाब देने से बचते रहे. सम्राट चौधरी ने कहा कि उपेंद्र कुशवाह काराकाट से एनडीए के उम्मीदवार हैं. उन्हें पीएम मोदी की मंजूरी मिल गई है. पूरी बीजेपी कुशवाह के साथ है. बीजेपी के सभी कार्यकर्ता और एनडीए दलों के नेता उनके लिए काम कर रहे हैं.
पवन सिंह, जिन्होंने पहले पश्चिम बंगाल में आसनसोल से भाजपा का टिकट ठुकरा दिया था, ने हाल ही में कहा था कि वह काराकाट सीट से चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने वहां चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है और घोषणा की है कि वह जल्द ही एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे.
अगर पवन सिंह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरते हैं, तो काराकाट लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला होने की पूरी संभावना है. कुशवाहा जल्द ही एनडीए उम्मीदवार के रूप में इस सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे, जबकि सीपीआई (एम-एल) लिबरेशन के पूर्व विधायक राजाराम सिंह भी ‘महागठबंधन’ के उम्मीदवार के रूप में मैदान में हैं.