यूपी में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने विधायक अभय सिंह पर हत्या के प्रयास के मामले में शुक्रवार को फैसला सुनाया। मामले में दो जजों ने अलग-अलग फैसला सुनाया है। जस्टिस मसूदी ने विधायक अभय सिंह को तीन वर्ष की सजा सुनाई।

वहीं जस्टिस अभय श्रीवास्तव ने विधायक अभय सिंह को बरी करने का फैसला सुनाया। दो फैसले आने के बाद अब यह प्रकरण चीफ जस्टिस की बेंच में जाएगा। क्योंकि ऑर्डर में दोनों जजों का निर्णय अलग-अलग है।

तो चला जाएगा विधायकी
वर्ष 2010 में हत्या के प्रयास के एक मामले में गोसाईगंज, अयोध्या के समाजवादी पार्टी के बागी विधायक अभय सिंह नामजद हुए थे। उसी में शुक्रवार को निर्णय आया है। अब यदि तीन वर्ष की सजा कायम रही तो अभय सिंह का विधायक पद चला जाएगा।

कौन है अभय सिंह?
अभय सिंह का जन्म अयोध्या के रहने वाले भगवान बक्स सिंह के घर हुआ था। उन्होंने 1994 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई पूरी की। अभय सिंह ने सक्रिय राजनीति की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। 2012 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने विधायकी का चुनाव लड़ा। इस चुनाव में अभय सिंह बसपा कैंडिडेट इंद्र प्रताप तिवारी को हराकर जीत दर्ज की थी।

2017 में अभय सिंह चुनाव हार गए थे
2022 विधानसभा चुनाव में अभय सिंह ने तीसरी बार सपा के सिंबल पर चुनाव लड़ा और बीजेपी उम्मीदवार आरती तिवारी को हरा दिया था। आरती तिवारी पूर्व विधायक इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी की पत्नी हैं। अभय सिंह 2012 में पहली बार चुनाव जीते थे। 2017 में हुए चुनाव में वह हारे गए थे। उस समय इंद्र प्रताप तिवारी उर्फ खब्बू तिवारी विधायक बने थे। मौजूदा समय में अभय सिंह गोसाईगंज सीट से सपा विधायक हैं। लेकिन, बीजेपी से ज्यादा नजदीकी चल रही है।

Translate »