इजराइल और हमास के बीच जारी युद्ध को आज एक महीना पूरा हो गया है. सात अक्टूबर को हमास ने इजराइल पर अचानक हमला कर दिया था. इसके बाद से दोनों पक्षों के बीच जंग जारी है. इजराइली हमलों में अब तक 10 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए हैं. पिछले 23 साल में इतने फिलिस्तीनियों की मौत नहीं हुई है, उससे कहीं ज्यादा लोग इस 30 दिन दफन हो गए.
इजराइल के हमले में गाजा के कई इलाके खंडहर में तब्दील हो गए हैं. गाजा में हर तरफ चीख पुकार और मातम पसरा हुआ है. हर तरफ तबाही ही तबाही नजर आ रही है. वहीं, हमास के हमलों में इजराइल में 1400 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इजराइल और फिलिस्तीन के बीच अगर पिछले संघर्ष को देखें तो यह युद्ध का सबसे बुरा दौर है. इजराइल ने गाजा में किसी को नहीं छोड़ा. स्कूल, अस्पताल और मस्जिदें सबको ध्वस्त कर दिया.
दरअसल, इजराइल की स्थापना के बाद फिलस्तीन से कई बार जंग हुए लेकिन पिछले 23 साल में जितने लोग नहीं मारे गए उससे कहीं ज्यादा इस एक महीने में मारे गए. इजराइल ह्यूमन राइट्स ऑर्गेनाइजेशन के आंकड़ों के मुताबिक, 2000 से 2023 तक 10 हजार से ज्यादा फिलिस्तीनियों की मौत हुई है जबकि 1330 इजराइली मारे गए हैं. हालिया जंग में 10,022 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, अगर पिछले 15 साल के आंकड़ों पर गौर करें तो 2008 से 2023 तक 6407 फिलिस्तीनी मारे गए हैं. वहीं, 308 इजराइलियों की मौत हुई है. ये आंकड़ा यूनाइटेड नेशन का है.
इजराइल और फिलिस्तीन के बीच संघर्षों का इतिहास काफी पुराना है. इजराइल अपनी यहूदी पहचान और सुरक्षा को बनाए रखना चाहता है और अपने अधिकृत क्षेत्रों में बसावट और नियंत्रण का विस्तार करना चाहता है. वहीं, फिलिस्तीन वेस्ट बैंक, गाजा पट्टी और पूर्वी यरुशलम में एक स्वतंत्र और संप्रभु राज्य स्थापित करना चाहता है, जिस पर 1967 से इजराइल का कब्जा है. फिलिस्तीन चाहता है कि इजराइल अपना सैन्य कब्जा और नाकाबंदी खत्म करें. बस दोनों के बीच इसी बात को लेकर संघर्ष है.