बाराबंकी: अध्यापक बच्चों का भविष्य बनाता है अगर अध्यापक का ही भविष्य खतरे मे हो जाए तो इस पर विचार करना अति आवश्यक है ऐसा ही मामला जनपद बाराबंकी मे आया है जिसमे विद्यालय प्रबन्धन द्वारा वेतन के नाम पर बैंक में खाता तो खुलवाया जाता है लेकिन चेक बुक ए टी एम तथा पास बुक प्रबन्धन अपने पास जमा करवा लेता है। शिकायतकर्ता अध्यापक अमन सोनी ने बताया कि मै “बाबा गुरुकुल एकेडमी, बाराबंकी में संगीत का अध्यापन कार्य कर रहा था जब मैंने विद्यालय में शिक्षण कार्य आरम्भ किया तो विद्यालय के द्वारा मेरा सैलरी अकाउंट एच.डी.एफ.सी. बैंक में खुलवाया गया और बैंक से मिली पासबुक, चेकबुक और ए टी.एम. कार्ड विद्यालय ने अपने पास हस्ताक्षर करवा कर जमा करवा लिया कहा कि आपको वेतन नकद दिया जाएगा और आप ये पासबुक, चेकबुक और ए.टी.एम का जिक्र किसी से नहीं करेंगे। विद्यालय द्वारा 20,250 रूपये खाते में क्रेडिट किया जाता जबकि 17,000 रुपए मुझे नकद वेतन के रूप मे विद्यालय से दिया जाता था। अध्यापक अमन सोनी ने बताया कि जब पूरा वेतन नही मिला तो मैने इसका विरोध किया और अपना ए.टी.एम., पासबुक और चेकबुक मांगा तो मेरे साथ अभद्र तरीके से बर्ताव किया गया। अध्यापक अमन सोनी ने कहा ऐसा सिर्फ मेरे साथ नहीं अपितु सभी अध्यापक और अध्यापिकाओं के साथ विद्यालय प्रबन्धन व्यवहार करते हैं। मेरे द्वारा अपनी चेक बुक और पास बुक मांगे जाने से विगत कुछ दिनों से प्रबंधक हरपाल सिंह, एवं प्रबंध निदेशक मंदीप सिंह हमारे साथ एवं विद्यालय के अन्य अध्यापकों के साथ अभद्र व्यवहार कर रहे हैं, विद्यालय के “प्रधानाचार्य रवि प्रकाश” सभी अध्यापक एवं अध्यापिकाओं से गलत व्यवहार करते हैं और अभद्र भाषा का प्रयोग करके कई अध्यापक एवं अध्यापिकाओं को विद्यालय से निकाल चुके हैं। नाम न छापे जाने की शर्त पर कई अध्यापकों ने भी बताया कि हम सभी के खाते बैंक मे खुलवाया जाता है और चेक बुक, ए टी एम तथा पास बुक ले ली जाती है पूरा वेतन नही दिया जाता है। विरोध करने पर विद्यालय से निष्कासन की धमकी मिलती है।अध्यापक और अध्यापिकाएं अपनी व्यक्तिगत मजबूरी के चलते कोई शख्त कदम नहीं उठा पाते हैं और प्रताडना सहते रहे हैं।देखना यह है कि विद्यालय प्रबन्धन द्वारा कि जा रही मनमानी पर कोई अंकुश लगाया जाता है या अन्य की तरफ इसमें भी केवल जांच?

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