बच्चे को छात्रों से पिटवाने के मामले में FIR दर्ज

मुजफ्फरनगर । यूपी के मुजफ्फरनगर में पहाड़ा न याद करने पर छात्र को क्‍लास के अन्‍य बच्‍चों से पिटवाने वाली मैडम के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। मैडम ने अब अपनी गलती मान ली है। अपनी सफाई में उनका कहना कि है कि उस वक्त वह बहुत परेशान थीं। वह दिव्यांग हैं और उठ पाने में असमर्थ हैं। इसी वजह से पहाड़ा याद नहीं करने पर दूसरे बच्चे से पिटाई करने को बोल दिया था।

उधर, वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने घटना की निंदा करते हुए शिक्षिका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। जबकि प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने मामले में सियासत न करने की अपील की है। हरकत में आई पुलिस ने बच्चे की पिता की तहरीर के आधार पर शिक्षिका के खिलाफ मंसूरपुर थाने में केस दर्ज कर लिया। डीएम मुजफ्फरनगर अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने पुलिस कार्रवाई की पुष्टि की है।

डीएम मुजफ्फरनगर अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने शुक्रवार को ही इस मामले के संज्ञान में आने के बाद जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए थे। डीएम ने बताया कि इस मामले में मंसूरपुर थाना पुलिस ने बच्चे के पिता की ओर से दी गई तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस ने धारा 223 और 504 में केस दर्ज किया है। डीएम मुजफ्फरनगर ने कहा कि इस मामले में सख्ती से कार्रवाई कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि तहरीर दर्ज कराने के साथ ही बच्चे और उसके अभिभावकों की बाल कल्याण समिति में काउंसलिंग कराई जा रही है। उधर, छात्र पिटाई प्रकरण में मीरापुर विधायक चंदन सिंह चौहान पीड़ित के घर पहुंचे। उन्होंने परिजनों की जयंत चौधरी से फोन पर बात कराई।

राहुल, प्रियंका, ओवैसी ने की कार्रवाई की मांग

फिलहाल यह मामला लखनऊ और दिल्ली तक गूंज रहा है। राजनीतिक गलियारों में घटनाओं को लेकर नेता कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, एआईएमआईएम चीफ असुदुद्दीन औवेसी ने भी कार्रवाई की मांग की है। मामला अलग-अलग पक्ष से जुड़ा होने से कारण सोशल मीडिया में भी पूरा प्रकरण गर्माता जा रहा है।

वहीं, कानून के जानकार बताते हैं कि भारतीय दंड संहिता अर्थात आईपीसी की धारा 504 के अंतर्गत कोई व्यक्ति किसी को उकसा कर उसका अपमान करता है या शांतिभंग करने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करता है तो इसके लिए दो साल के कठोर कारावास का प्रावधान है।

शिक्षिका बोलीं-मानती हूं ऐसा नहीं करना चाहिए था

उधर, शिक्षिका ने अपनी गलती मानते हुए कहा है कि उन्‍हें ऐसा नहीं करना चाहिए था। हालांकि उन्‍होंने यह भी जोड़ा कि उनकी मंशा बच्‍चे को धार्मिक आधार पर प्रताड़ित करने की नहीं थी। शिक्षिका ने कहा कि जो वीडियो वायरल किया जा रहा है उसमें बहुत से शब्दों को काटा गया है। केवल एक शब्द को टारगेट करके वीडियो वायरल किया गया है। शिक्षिका ने इस मामले को राजनीतिक तूल नहीं देने की अपील की।

प्रतिबंधित है शारीरिक दंड
शिक्षा का अधिकार अधिनियम में बच्चों को किसी भी प्रकार का शारीरिक दंड या मानसिक शोषण प्रतिबंधित है। सेक्शन 17 के अनुसार स्कूल को सीखने का वातावरण तैयार करना चाहिए ना कि वह सुधारात्मक केंद्र के रूप में काम करे। शारीरिक दंड और मानसिक आघात एक-दूसरे के प्रति-उत्पादक हैं और इससे बच्चे केा नुकसान हो सकता है। यह स्थिति बच्चे को पहले से अधिक विद्रोही बना सकती है। आरटीई किसी भी तरह के शारीरिक दंड को प्रतिबंधित करती है।

स्कूल में बच्‍चे नहीं आए, जांच को पहुंचे अफसर

विवादों में आने के बाद मंसूरपुर के खोब्बपुर गांव के नेहा पब्लिक स्कूल में शनिवार को बच्चे नहीं पहुंचे। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी के निर्देश के बाद खण्ड शिक्षा अधिकारी भारती मामले की जांच करने स्कूल पहुंचे। उनके अनुसार मामले की जांच के बाद जल्द रिपोर्ट बेसिक शिक्षा अधिकारी को सौंप दी जाएगी।

मंत्री बोले-मामले में सियासत न हो

प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री दानिश अंसारी ने कहा है कि मुजफ्फरनगर में छात्र की पिटाई मामले में सियासत नहीं होनी चाहिए। मामले में जांच की जा रही है। आरोपियों पर सख्त कार्रवाई होगी। सरकार लगातार सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के साथ कर रही है। उन्होंने ‘हिन्दुस्तान’ से बातचीत में कहा कि कुछ लोग इसे राजनैतिक रूप दे रहे हैं। यह राजनीति का मामला नहीं है। सियासत के नजर से इसे नहीं देखना चाहिए। सियासत नहीं होनी चाहिए। सरकार मामले को लेकर गंभीर है। पुलिस, प्रशासन जांच कर रही है। कार्रवाई होगी।

मामले में कूदे नेता
मुजफ्फरनगर के स्कूल में छात्र की शिक्षिका द्वारा उसके सहपाठियों को उकसाकर चांटे लगवाने के मामले की कांग्रेस, आम आदमी पार्टी समेत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने कड़े शब्दों में निंदा की। कहा कि इस तरह की घटना कोई गलती नहीं बल्कि गुनाह है। इस मामले में यदि छात्र के परिजन अपनी तरफ से कार्रवाई नहीं करा रहे तो प्रशासन इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर आरोपी शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज करें और गिरफ्तार कर जेल भेजे।

सुप्रिया श्रीनेत ने किया ट्वीट

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने इस मामले को लेकर टवीट भी किया है। उन्होंने अपने बयान का वीडियो जारी किया और इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की। कहा कि बच्चे की पिटाई कराने वाली टीचर के खिलाफ पुलिस को तुरंत मुकदमा कायम कर गिरफ्तारी कर जेल भेजना चाहिए। इस तरह की घटना समाज के लिए कलंक है। इस मामले में शिक्षिका द्वारा गलती और माफी की बात कहें जाने से काम नहीं चलेगा। यह गलती नहीं बल्कि जानबूझ कर किया गया बड़ा गुनाह है। शिक्षिका को मुकदमा दर्ज करते हुए पुलिस को गिरफ्तार कर जेल भेजे।

बीएसए बोले-धार्मिक एंगल की जांच होगी
इस मामले में मुजफ्फरनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी शुभम शुक्ला ने कहा कि बच्चे की पिटाई के पीछे धार्मिक एंगल है या नहीं, इसकी जांच की जाएगी। उन्‍होंने कहा कि मामले में दो शिक्षकों की संलिप्‍तता पाई गई है। उनके साथ-साथ स्कूल मैनेजमेंट के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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