राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (3 दिसंबर, 2023) अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन वर्ष के अवसर पर दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए वर्ष 2023 के राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए।
इस अवसर पर अपने संबोधन में, राष्ट्रपति ने कहा कि दिव्यांगों के सशक्तिकरण के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार एक सराहनीय माध्यम है क्योंकि व्यक्तिगत और संस्थागत कार्यों को मान्यता देने से सभी प्रोत्साहित होते हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां हासिल करने वाले दिव्यांगजनों को अपनी क्षमता के अनुसार अन्य दिव्यांगजनों की सहायता करनी चाहिए।
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व की कुल जनसंख्या का लगभग 15 प्रतिशत दिव्यांगजन हैं और उनका सशक्तिकरण उच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांगों के प्रति समाज के दृष्टिकोण में परिवर्तन आया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि उचित सुविधाओं, अवसरों और सशक्तिकरण प्रयासों की मदद से सभी दिव्यांगजन समानता और सम्मान के साथ जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
राष्ट्रपति ने कहा कि यह गर्व की बात है कि नए संसद भवन का हर हिस्सा दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि इससे सीख लें और आरम्भ से ही दिव्यांगजनों की आवश्यकताओं को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हमें नवीनीकरण के स्थान पर नवप्रवर्तन के दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि गरीबी उन्मूलन, स्वास्थ्य और कल्याण, अच्छी शिक्षा, स्त्री-पुरुष समानता, स्वच्छता तथा पेयजल आदि से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने से दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण को बल मिलता है। उन्होंने बताया कि भारत ने इन लक्ष्यों को उच्च प्राथमिकता दी है और उन्हें प्राप्त करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है।
एशियाई पैरा खेलों में भारत के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन पर राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों ने अपनी अदम्य विजयी भावना के बल पर नया इतिहास रचा है। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों के प्रदर्शन में लगातार उल्लेखनीय प्रगति हो रही है। उन्होंने इस संबंध में डॉ. दीपा मलिक और सुश्री अवनि लेखारा जैसे खिलाड़ियों द्वारा निभाई गई प्रेरक भूमिका की सराहना की।