Prime Minister Shri Narendra Modi dedicated the India International Convention and Expo Center in Dwarka, New Delhi to Yashobhoomi Nation.


“वोकल फॉर लोकल” के प्रति समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है – प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी

विश्वकर्मा समाज में हमेशा महत्वपूर्ण बने रहेंगे, यह योजना उन्हें आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास – प्रधानमंत्री

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में इस अवसर पर आयोजित हुए कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए

प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के कारीगरों-शिल्पकारों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में सफल होगी – श्री तोमर

मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट देश में सर्वाधिक है, अगले महीने राज्य में ग्लोबल स्किल पार्क भी बनकर तैयार हो जाएगा – श्री चौहान

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर की गई अपनी घोषणानुसार  विश्वकर्मा जयंती पर नई दिल्ली में विश्वकर्मा योजना लांच की। इस अवसर पर देश में विभिन्न स्थानों पर भी कार्यक्रम आयोजित हुए। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर भोपाल में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित द्वारका में इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर (यशोभूमि) राष्ट्र को समर्पित की। विश्वकर्मा जयंती समारोह में अपने संबोधन उन्होंने कहा कि लाखों कारीगरों-परिवारों के लिए पीएम विश्वकर्मा योजना आशा की किरण बनकर आ रही है। उन्होंने देश के रोजमर्रा के जीवन में विश्वकर्माओं के योगदान व महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी में चाहे कितनी भी प्रगति क्यों न हो जाए, विश्वकर्मा समाज में हमेशा महत्वपूर्ण बने रहेंगे। उन्होंने कहा कि समय की मांग है कि विश्वकर्माओं को मान्यता दी जाए और उनका समर्थन किया जाए। सरकार विश्वकर्माओं का सम्मान, क्षमता व समृद्धि बढ़ाने के लिए भागीदार के रूप में आगे आई है। उन्होंने कहा कि दुनिया में बड़ी कंपनियां अपना काम छोटे उद्यमों को सौंप देती हैं। आउटसोर्स का यह काम हमारे विश्वकर्मा मित्रों को मिलें, वे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का हिस्सा बनें,  हम इसके लिए काम कर रहे हैं। योजना विश्वकर्मा मित्रों को आधुनिक युग में ले जाने का एक प्रयास है। बदलते समय में, प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी व उपकरण विश्वकर्मा मित्रों के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रशिक्षण में 500 रुपये प्रतिदिन भत्ता दिया जाएगा, आधुनिक टूलकिट के लिए 15 हजार रुपये का वाउचर दिया जाएगा। उत्पादों की ब्रांडिंग, पैकेजिंग, मार्केटिंग में सरकार मदद करेगी। विश्वकर्मा मित्रों को बिना गारंटी बहुत कम ब्याज पर 3 लाख रु. तक ऋण मिलेगा। केंद्र वंचितों के विकास को प्राथमिकता देता है। उन्होंने कहा, “मोदी उन लोगों के लिए खड़े हैं, जिनकी परवाह करने वाला कोई नहीं है। वह यहां सेवा करने, सम्मान का जीवन देने व यह सुनिश्चित करने के लिए हैं कि सेवाओं का वितरण बिना किसी असफलता के हो। यह मोदी की गारंटी है।” उन्होंने कहा कि वोकल फॉर लोकल के प्रति समर्पण पूरे देश की जिम्मेदारी है। पहले हमें लोकल के लिए वोकल बनना होगा और फिर लोकल को ग्लोबल बनाना होगा।

भोपाल में केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना देश के कारीगरों-शिल्पकारों के जीवन स्तर में बदलाव लाने में सफल होगी। श्री तोमर ने विश्वकर्मा जयंती व प्रधानमंत्री श्री मोदी के जन्मदिन पर बधाई देते हुए कहा कि आजादी के बाद अनेक प्रधानमंत्रियों ने देश का नेतृत्व किया, जिन्होंने अपने-अपने समय में देश को आगे बढ़ाने में कुछ न कुछ योगदान किया ही है, लेकिन श्री मोदी का व्यक्तित्व सबसे अलग हटकर है, जहां एक ओर देश के गांव,गरीब,किसान,महिला,दलित,नौजवान की प्रगति के बारे में श्री मोदी विचार करते हैं, वहीं वैश्विक जगत में भारत की साख मजबूत हो, इस मामले में भी वे कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। चाहे चंद्रयान का मामला हो या आदित्य एल-1 अथवा भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन कर कीर्तिमान स्थापित करने का विषय हो, ये सब इस ओर दृष्टिपात करते हैं कि प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता भारत को आगे ले जाने वाली है। हमारे देश में बड़ी आबादी है, जिनमें नौजवान भी काफी है, तो स्वाभाविक रूप से इनके लिए रोजगार की आवश्यकता है, जिसके लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सालभर में 10 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का ऐलान किया था और हर माह रोजगार मेले कर नियुक्ति-पत्र प्रदान किए जा रहे हैं। इसी तरह, मध्यप्रदेश में भी युवाओं को नौकरियां दी जा रही है, लेकिन सिर्फ सरकारी नौकरियों से ही काम नहीं चलेगा, इसीलिए पीएम गति शक्ति, स्वनिधि, मुद्रा, ग्रामीण विकास आदि की योजनाओं से भी गांवों-शहरों के कुशल लोगों को स्वरोजगार मिल रहा है। श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पर 5 साल में 13 हजार करोड़ रुपये खर्च कर गुरू-शिष्य परंपरा या हाथों व औजारों से काम करने वाले कारीगरों-शिल्पकारों द्वारा पारंपरिक कौशल के परिवार-आधारित पेशे को मजबूत करते हुए बढ़ावा दिया जाएगा, जो केंद्र का अत्यंत सराहनीय कदम है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि वोकल फॉर लोकल जैसे मंत्र व कई योजनाओं के जरिये से पीएम श्री मोदी ने भारत को 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना दिया है और उनके तीसरे कार्यकाल में भारत दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था वाला देश होगा। देश ने स्वास्थ्य-शिक्षा सहित हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति की, उपलब्धियां हासिल की हैं, देश की सुरक्षा के लिए भी कड़ी कार्रवाई की गई है। श्री मोदी के नेतृत्व में अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण जैसे सराहनीय कदम उठाए गए हैं। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश आज तेजी से तरक्की कर रहा है, जहां बिजली-पानी जैसी समस्याओं को दूर किया गया है, वहीं मध्यप्रदेश की ग्रोथ रेट आज देश में सबसे ज्यादा 16.9 प्रतिशत के आसपास है। उन्होंने कहा कि भगवान श्री विश्वकर्मा सृष्टि के सर्वोच्च वास्तुकार है, वहीं सभी कारीगर व शिल्पकार हमारे लिए आधुनिक विश्वकर्मा है, जिनके बिना आज ये सृष्टि चल नहीं सकती। प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के माध्यम से देश के कौशल तंत्र को राष्ट्र की जरूरतों के अनुसार ढालने का काम किया जा रहा है। इस योजना का लाभ उठाकर सुविधाओं से हमारे कारीगर अपनी स्किल को और बढ़ा पाएंगे और आने वाली पीढ़ी को भी अपना हुनर सिखा पाएंगे। उन्होंने कहा कि अगले महीने के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश में ग्लोबल स्किल पार्क बनकर तैयार हो जाएगा।

भोपाल के समारोह में आईटीआई का दीक्षांत कार्यक्रम भी संपन्न हुआ और विद्यार्थियों को श्री तोमर व श्री चौहान ने सम्मानित किया। यहां मध्यप्रदेश के मंत्री श्री ओमप्रकाश सकलेचा व श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया, क्षेत्रीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधि व विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। भोपाल के कार्यक्रम का समन्वय राज्य शासन के साथ ही एमएसएमई तथा एनएचएआई द्वारा किया गया।

योजना में 18 पारंपरिक क्षेत्र शामिल – केंद्र सरकार ने देश के पारंपरिक शिल्प की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित व प्रोत्साहित करने, कारीगरों-शिल्पकारों की सहायता के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा’ मंजूर की है। इसके पहले चरण में 18 पारंपरिक क्षेत्रों को शामिल किया गया है। इनमें बढ़ई (सुथार), नाव निर्माता, अस्त्र बनाने वाला, लोहार, हथौड़ा व टूल किट निर्माता, ताला बनाने वाला,सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार (पत्थर तराशने, पत्थर तोड़नेवाला), मोची, राजमिस्त्री, टोकरी/चटाई/झाड़ू निर्माता/जूट बुनकर, गुड़िया-खिलौना निर्माता (पारंपरिक), नाई, माला बनाने वाले, धोबी,दर्जी,मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले शामिल हैं।

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