बापू व लाल बहादुर के पद चिन्हों पर चलने का लिया संकल्प

राम सनेही घाट, बाराबंकी: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर बाराबंकी की राम सनेही घाट तहसील में एक विचार गोष्ठïी का आयोजन किया गया जिसमें एसडीएम राम सनेही घाट राम आसरे वर्मा समेत अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया। विचार गोष्ठïी से पहले एसडीएम श्री वर्मा ने लाल बहादुर शास्त्री और महात्मा गांधी के चित्रों पर माल्र्यापण किया। गोष्ठïी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहाकि आज पूरे प्रदेश में गांधी जयंती के उपलक्ष्य में स्वच्छता अभियान चलाया जा रहा है और इस अवसर पर तहसील प्रांगण में भी स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिसके तहत पूरे परिसर को साफ सुथरा करके कर्मचारियों को जागरूक किया गया कि वह अपने परिसर को साफ रखे। उन्होंने कहाकि स्वच्छता के माध्यम से हम लोग स्वच्छ और स्वस्थ समाज निर्माण का संदेश दे रहे हैं। महात्मा गांधी जी के स्वच्छता मिशन को धरातल पर उतारने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं । स्वच्छता पखवाड़े में जन सामान्य को जोड़कर स्वच्छता का मिशन पूरा रहे हैं।

बापू ने राष्ट्र के लिए जो सपना देखा था उसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरा कर रहे हैं। सत्य और अहिंसा का मार्ग श्रद्धेय बापू ने भारतवर्ष को दिखाया आज सारी दुनिया उसका अनुसरण कर रही है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी हमारे आदर्श हैं। उनके द्वारा जो सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर भारत को आजाद कराने का प्रयास किया गया उसका कीर्तिमान भारत देश के अलावा तमाम अन्य देशों में प्रख्यात है। महात्मा गांधी जी भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे, सच में वह संत थे उनके आजादी के विचार और आजादी पाने के लिए किए गए प्रयोग सत्याग्रह ”सविनय अवज्ञा, के माध्यम से अत्याचार के प्रति आंदोलन ने पूरे विश्व को एक रास्ता दिखाया, उनके इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धांत पर रखी गयी थी जिसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम चलाकर पूरे विश्व में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी के उपर अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि हमें गर्व है उस बनारस की माटी पर जिस माटी में लाल बहादुर शास्त्री जी भी बड़े हुए, उन्होनें किसानों, श्रमिकों, और नगरीय श्रमिकों को अत्यधिक भूमि कर और भेदभाव के विरूद्ध आवाज उठाने के लिए एकजुट किया, और उनकी सादगी और दृढ़ निश्चय के लिए हमेशा उन्हें याद किया जाता रहेगा। विचार गोष्ठïी को नायब तहसीलदार समेत तहसील के कई अन्य कर्मचारियों ने संबोन्धित किया।

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