रूस ने अपने नागरिकों पर पूर्ण रूप से ट्रैवल बैन लगा दिया है. व्लादिमीर व्लादिमीर पुतिन प्रशासन प्रतिबंधित लोगों का पासपोर्ट भी जब्त कर रहा है. पांच दिनों के भीतर उन्हें अपना पासपोर्ट सरकार के सामने सरेंडर करना होगा. रूस में अगले साल राष्ट्रपति चुनाव होने हैं, और व्लादिमीर पुतिन पांचवीं बार सत्ता की रेस में हैं. पुतिन अपने विरोधियों की आवाज दबाने के लिए मशहूर हैं और उनपर विरोधियों को किनारे करने के आरोप लगते रहे हैं.

रूसी कानून के मुताबिक, अधिकारी सिपाहियों, संघीय सुरक्षा सेवा या फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) के कर्मचारियों, दोषियों, या ऐसे लोगों पर खासतौर पर नजर रहेगी जिनके पास देश की कुछ गुप्त या किसी विशेष मुद्दों की जानकारी है या उस तक पहुंच है. आदेश में स्पष्ट किया गया है कि पासपोर्ट विदेश मंत्रालय अथॉरिटी या इंटीरियर मंत्रालय के सामने जमा करना होगा. उनके पासपोर्ट को स्टोर किया जाएगा. लोगों को अपना पासपोर्ट इसे जारी करने वाली पासपोर्ट ऑफिस में जमा करने कहा गया है.

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि संबंधित नागरिकों पर ट्रैवल बैन हटने के बाद उनका पासपोर्ट वापस भी किया जा सकता है. सैन्य नागरिकों पर भी खासतौर पर पहरेदारी होगी. मसलन, जिन लोगों का यात्रा करने का अधिकार सैन्य या वैकल्पिक नागरिक सेवा के लिए भर्ती के आधार पर अस्थायी रूप से सीमित था, उन्हें अतिरिक्त रूप से एक सैन्य आईडी देनी होगी जिसमें यह प्रमाण हो कि उन्होंने सेवा पूरी कर ली है.

मार्च में, फाइनेंशियल टाइम्स ने इस मामले से जुड़े अज्ञात सूत्रों का हवाला देते हुए बताया था कि रूस की सुरक्षा सेवाएं विदेश यात्रा को रोकने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और राज्य कंपनी के अधिकारियों के पासपोर्ट जब्त कर रही थीं. हालांकि, यह तमाम रूसी नागरिकों पर लागू नहीं होगा. यह सिर्फ उन लोगों पर लागू होगा जिनके पास नेशनल सिक्योरिटी से संबंधित मामलों की जानकारी है या किसी मामले में दोषी हैं.

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