भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल मालदीव में कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव की छठी एनएसए-स्तरीय बैठक में भाग लेने मॉरीशस पहुंचे हैं. इस कॉन्क्लेव में भारत के साथ श्रीलंका और मालदीव भी शामिल हैं. इससे पहले पांचवी बैठक 9 मई को मालदीव द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें एनएसए ने समुद्री सुरक्षा और कट्टरपंथ का कड़ा मुकाबला करने के लिए सभी सदस्यों और अहम देशों के सहयोग पर बात की थी. कॉन्क्लेव की इस बैठक में मॉरीशस को चौथे सदस्य के रूप में शामिल किया गया, जबकि पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स और बांग्लादेश ने यहां पर्यवेक्षक के रूप में भाग लिया.
एनएसए अजित डोभाल ने कहा कि सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने के लिए समुद्री पड़ोसी देशों के बीच सहयोग को अधिक मजबूत करना होगा. फर्स्ट रिस्पॉन्डर के तौर पर भारत को स्थापित करना होगा. एनएसए ने यह बात इसी सुरक्षा कॉन्क्लेव की पांचवी बैठक में कही थी. इस सुरक्षा कॉन्क्लेव को पहले समुद्री सुरक्षा सहयोग के लिए त्रिपक्षीय बैठक कहा जाता था.
साल 2020 में 28 नवंबर को कोलंबो में हुई त्रिपक्षीय बैठक की चौथी एनएसए-स्तरीय की बैठक में भारत, श्रीलंका, और मालदीव समूह के दायरे और सदस्यता का विस्तार करने के साथ-साथ इसका नाम बदलकर कोलंबो सुरक्षा कॉन्क्लेव करने पर सहमत हुए थे. कोलंबो में ही सम्मेलन की सभी गतिविधियों पर नजर रखने, एनएसए लेवल पर लिए गए सभी फैंसलों की निगरानी करने के लिए एक सचिवालय भी स्थापित किया गया है.
इसके अलावा 12 जुलाई, 2023 को कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव यानी सीएससी की सातवीं डिप्टी एनएसए-स्तरीय बैठक आयोजित की गई थी. ये बैठक वर्चुअली हुई थी जिसमें भारत, मालदीव, मॉरीशस और श्रीलंका ने भाग लिया था. इस दौरान विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि सेशेल्स और बांग्लादेश ने अहम राष्ट्रों के रुप में भाग लिया हैं.
इस बैठक में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, विक्रम मिस्री ने किया, वहीं मालदीव के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मालदीव गणराज्य के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कार्यालय के सचिव ऐशथ नूशिन वहीद ने किया. मॉरीशस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मॉरीशस गणराज्य के प्रधानमंत्री कार्यालय, सुरक्षा मामलों के प्रमुख समन्वयक, योइधिस्टीर थेका ने किया और श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व श्रीलंका के रक्षा स्टाफ के प्रमुख जनरल शैवेंद्र सिल्वा ने किया था.