बेटा नीतीश सरकार में मंत्री, जीतन मांझी मोदी कैबिनेट 3.0 में कैबिनेट मंत्री

बेटा नीतीश सरकार में मंत्री, जीतन मांझी मोदी कैबिनेट 3.0 में कैबिनेट मंत्री

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के नेता जीतन राम मांझी को मोदी 3.0 कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बनाया गया. रविवार की शाम को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई. जीतन राम मांझी 20 मई 2014 से 20 फरवरी 2015 तक बिहार के 23वें मुख्यमंत्री रहे हैं. जीतन राम मांझी बिहार के गया लोकसभा सीट से जीतने वाले हम (एस) के एक मात्र सांसद हैं.

हम (एस), जेडी (यू) और बीजेपी के साथ बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में एनडीए का घटक दल है. इस फरवरी में राजद से नाता तोड़ने के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाई थी. बिहार में विश्वास मत के दौरान जीतन राम मांझी ने अपने चार विधायकों के साथ नीतीश सरकार का समर्थन किया था. जीतन मांझी के बेटे संतोष कुमार मांझी नीतीश सरकार में मंत्री हैं. अब लोकसभा चुनाव के बाद एक सांसद के साथ वह मोदी कैबिनेट 3.0 में कैबिनेट मंत्री बन गये हैं.

पूर्व सीएम जीतन मांझी मुसहर समुदाय से हैं. 2014 में वह नीतीश कुमार की जगह पहली बार मुख्यमंत्री बनाए गए थे. दलित नेता राज्य के मुसहर समुदाय से आने वाले पहले मुख्यमंत्री थे, लेकिन केवल दो महीने में जीतन मांझी ने दिखा दिया कि वे जेडी(यू) नेता की छाया में रहकर संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने अपनी पार्टी (हम (एस)) बनाई और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए में शामिल हो गए. जीतन राम मांझी ने 1980 में कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में राजनीति में प्रवेश किया था. 1980 से 1990 के बीच उन्होंने बिहार में कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों के नेतृत्व वाली लगातार तीन कैबिनेट में काम किया. 1990 के बाद वे जनता दल से अलग होकर लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल में शामिल हो गए.

साल 1996 से 2005 तक मांझी नीतीश कुमार की जेडीयू में जाने से पहले बिहार में आरजेडी राज्य सरकार में मंत्री थे. 2021 में, दलित नेता ने ब्राह्मणों के खिलाफ एक अपशब्द का इस्तेमाल करके विवाद खड़ा कर दिया, जिसके बाद प्रभावशाली समुदाय ने उन्हें कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके एक सदस्य ने उनकी जीभ काटने पर 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की थी. साल 2015 के विधानसभा चुनाव मांझी एक भी सीट नहीं जीत पाए. उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ लिया और महागठबंधन में चले गए. बाद में वह फिर एनडीए में वापस आ गए और गया से वह एनडीए के उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल की. बता दें कि मांझी का जन्म गया के खिजरसराह के महकार गांव में हुआ है.

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