स्पेन की दो समलैंगिक महिलाओं ने मिलकर एक बच्चे को जन्म दिया है. यह यूरोप का पहला और दुनिया का दूसरा मामला है. दो मांओं ने बच्चे को कोख में रखा. 30 साल की एस्तेफेनिया और 27 वर्षीय अजहारा के बेटे का जन्म 30 अक्टूबर को हुआ. बच्चे का नाम डेरेक एलॉय रखा गया है. मामला स्पेन की पाल्मा सिटी का है. इसके लिए INVOcell का सहारा लिया गया. डिलीवरी के बाद मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. आसान भाषा में समझें, क्या है INVOcell तकनीक, दो महिलाओं ने कैसे मिलकर एक बच्चे को जन्म दिया, यह आईवीएफ से कितना बेहतर और कितना आता है खर्च?

बच्चे के लिए समलैंगिक दंपति ने फर्टिलिटी क्लीनिक में ट्रीटमेंट शुरू किया. INVOcell तकनीक की मदद बेटे का जन्म हुआ है. ऐसा कैसे हुआ अब इसे समझते हैं. सबसे पहले पुरुष के स्पर्म और महिला के एग से लैस एक कैप्सूल तैयार किया गया. अंगूठे के आकार के इस कैप्सूल को एस्तेफेनिया के शरीर में इंसर्ट किया गया. यह पांच दिन तक वहां रहा. ऐसा इसलिए किया गया ताकि महिला में प्राकृतिक तरीके से फर्टिलाइजेशन की प्रक्रिया शुरू हो सके और वहां भ्रूण विकसित हो सके. 5 दिन बाद जब भ्रूण तैयार हुआ तो उसे दूसरी महिला अजहारा की कोख में ट्रांसफर किया गया. यहां 9 माह तक वो भ्रूण विकसित हुआ और 30 अक्टूबर को सी-सेक्शन के जरिए बच्चे की डिलीवरी कराई गई. बच्चा स्वस्थ है.

इस तकनीक को एफडीए से मंजूरी मिल चुकी है. ट्रीटमेंट की शुरुआत INVOcell नाम की छोटी सी मेडिकल डिवाइस से होती है. इसलिए तकनीक को यह नाम मिला. आईवीएफ में आमतौर पर यही काम लैब में होता है, जिसमें काफी खर्च आता है, इसलिए यह नई तकनीक खर्च को कम करने के साथ प्राकृतिक तौर पर भ्रूण को विकसित करने में मदद करती है. वहीं, आईवीएफ से भ्रूण को तैयार करने के दौरान कई मुश्किलें आती हैं, नई प्रक्रिया में इतनी मुश्किलें नहीं आतीं.

मेट्रो यूके की रिपोर्ट में इस ट्रीटमेंट से जुड़े डॉक्टर का कहना है कि इस तकनीक से हेल्दी बेबी का जन्म संभव है. खास बात है कि इस प्रक्रिया में दोनों माएं अपने शरीर में बच्चे को रख पाती हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें करीब साढ़े 4 लाख रुपए का खर्च आया है. कई रिपोर्ट में दावा किया गया है, आमतौर पर आईवीएफ के जरिए बच्चे को जन्म देने में करीब 11 से 13 लाख रुपए खर्च हो जाते हैं, वहीं INVOcell तकनीक में खर्च आधा हो जाता है. एस्तेफेनिया का कहना है कि मैं और मेरी पार्टनर दोनों खुश हैं कि हमने मिलकर बच्चे को जन्म दिया. हम दोनों इसे अपने शरीर में रख पाए. यह सब काफी दिलचस्प रहा.

इस तकनीक के जरिए बच्चे को जन्म देने का पहला मामला 2018 में आया था जब USA के टेक्सास की दो समलैंगिक महिलाओं ने जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था. विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्रिया समलैंगिक दंपति और सिंगल मदर के लिए बेहतर है. इसके अलावा जिस महिला की बीएमआई 34 या इससे से कम है, वो इस प्रक्रिया से बच्चे को जन्म दे सकती हैं

Translate »