
नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के सह-संस्थापक यासिन भटकल समेत 11 आरोपितों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के मामले में आरोप तय किये हैं। स्पेशल जज शैलेंद्र मलिक ने कहा कि आरोपितों पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
कोर्ट ने कहा कि यासिन भटकल की चैट से सूरत में बम धमाके की योजना के बारे में खुलासा हुआ है। चैट से पता चलता है कि ब्लास्ट से पहले वहां से मुस्लिमों को हटाने की साजिश रची गई थी। यासीन भटकल न केवल एक बड़ी साजिश में शामिल था, बल्कि आईईडी बनाने में भी सहायता की थी। इंडियन मुजाहिद्दीन ने भारत के विभिन्न हिस्सों में आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए बड़े पैमाने पर नए सदस्यों की भर्ती की। उसके लिए पाकिस्तान स्थित सहयोगियों के साथ स्लीपर सेल का सहयोग लिया गया। वो भारत में प्रमुख स्थानों विशेषकर दिल्ली में बम विस्फोटों से आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देना चाहते थे।
कोर्ट ने भटकल, अंसारी, मोहम्मद आफताब आलम, इमरान खान, सैयद, ओबैद उर रहमान, असदुल्लाह अख्तर, उज्जैर अहमद, मोहम्मद तहसीन अख्तर, हैदर अली और जिया उर रहमान के खिलाफ आरोप तय किए। हालांकि, कोर्ट ने मंजर इमाम, आरिज खान और अब्दुल वाहिद सिद्दीबप्पा को आरोप मुक्त कर दिया। दरअसल, एनआईए ने 2012 में इंडियन मुजाहिद्दीन के पूर्व सह संस्थापक यासीन भटकल समेत कई लोगों पर भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने समेत कई मामलों में केस दर्ज किया था।