यूक्रेन पर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल से हमला
रूस और यूक्रेन के बीच डेढ़ साल से ज्यादा समय से जारी युद्ध में अब तक दोनों पक्षों के हज़ारों सैनिकों की मौत हो चुकी है. लेकिन ऐसा कहा जा रहा है कि इस युद्ध में यूक्रेन का अंतकाल शुरू होने वाला है. पुतिन सेना इतना बारूद बरसाने वाली है कि यूक्रेन की सूरत बदल जाएगी. युद्ध का सबसे प्रलयकारी फेज इसलिए शुरू हो गया है क्योंकि यूक्रेनी फोर्स ने क्रीमिया पर हमला कर दिया है. यूक्रेन ने लॉन्ग रेंज वेपन से क्रीमिया में रूस के एयरबेस को तबाह करने की कोशिश की. इसी के बाद तय हो गया कि अब पुतिन यूक्रेन पर परमाणु प्रहार करने वाले हैं.
दरअसल यूक्रेन ने क्रीमिया के फियोदोसिया में बड़ी स्ट्राइक करने की कोशिश की. यहीं पर रूसी सेना की एयरफील्ड है. यूक्रेन के टारगेट पर यही एयरफील्ड था. जेलेंस्की के जवान स्कोव की तरह ही यहां भी बड़ा विनाश करने वाले थे, लेकिन रूस का दावा है कि उसने यूक्रेन के ऑपरेशन क्रीमिया को हवा में ही तहस नहस कर दिया.
रूस ने बताया कि क्रीमिया में तैनात एयर डिफेंस ने आधा दर्जन मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया. हालांकि एक धमाका क्रीमिया के पावर ग्रिड पर भी हुआ. इस वजह से एक बड़े इलाके में ब्लैकआउट हो गया. रूस के कई सैन्य ठिकाने अंधेरे में डूब गए. वहीं इस हमले से जुड़ी दो रिपोर्ट्स सामने आई हैं. एक रिपोर्ट ये ऐलान कर रही है कि यूक्रेन ने क्रीमिया पर स्टॉर्म शैडो मिसाइल से हमला किया. तो दूसरी थ्योरी कह रही है कि जेलेंस्की सेना ने क्रीमिया को घातक ड्रोन से दहलाने की कोशिश की.
इस बीच जेलेंस्की ने जो ऐलान किया है, वो इस बात का सबूत है कि यूक्रेनी फोर्स ने लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल से हमला किया. यूक्रेनी सेना ने क्रीमिया पर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल से हमला किया. ये हमला 700 किलोमीटर की दूरी से किया गया. वहीं जेलेंस्की ने ये तो बताया कि हमला लॉन्ग रेंज मिसाइल से 700 किलोमीटर की दूरी से किया गया, लेकिन उस मिसाइल का नाम नहीं बताया, जिससे अटैक को अंजाम दिया गया. तो सवाल ये है कि आखिर ये मिसाइल कौन सी है?
ये सवाल इसलिए क्योंकि अब तक यूक्रेन के पास स्टॉर्म शैडो मिसाइल ही है. इसकी रेंज सिर्फ 300 किलोमीटर है. जाहिर है, स्टॉर्म शैडो की रेंज 700 किलोमीटर नहीं है, तो संभव है कि नाटो ने सीक्रेट तरीके से यूक्रेन को कोई दूसरी घातक मिसाइल दे दी हो या ये भी हो सकता है कि स्टॉर्म शैडो को अपग्रेड कर दिया गया हो. तो सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर यूक्रेन ने क्रीमिया पर किस मिसाइल से सबसे बड़ा हमला करने की कोशिश की, लेकिन उससे पहले ये जानिए कि असल में जेलेंस्की सेना का ऑपरेशन क्रीमिया था क्या?
रात में जब क्रीमिया के लोग सो रहे थे, तभी यूक्रेनी फोर्स ने कई मिसाइलें दागीं. मिसाइलों के टारगेट पर क्रीमिया में मौजूद रूस का एयर बेस था. स्कोव की तरह ही यहां भी रूसी विमानों को तबाह करने का प्लान था, लेकिन रूस ने इस प्लान को नाकाम कर दिया. रूस का दावा है कि उसने यूक्रेन की सभी मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया. रूस ने एयर डिफेंस सिस्टम से मिसाइलों को तो मार दिया, लेकिन जलती हुई मिसाइल का मलबा पावर ग्रिड पर गिरा. एक बहुत बड़ा धमाका हुआ और इसी के साथ उस इलाके में ब्लैकआउट हो गया. रूसी सेना के तमाम ठिकाने अंधेरे में डूब गए.
सवाल ये है कि आखिर यूक्रेन ने किस मिसाइल से हमला करने की कोशिश की. रूस को शक है कि ये हमला ब्रिटिश स्टॉर्म शैडो मिसाइल से किया गया. दूसरी थ्योरी ये है कि ये ड्रोन हमला था. तीसरी थ्योरी के मुताबिक यूक्रेन ने सोवियत युग के घातक हथियार से धावा बोलने का प्रयास किया. कुछ रूसी वॉर एक्सपर्ट्स तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि यूक्रेन को नाटो ने सीक्रेट तरीके से नई घातक मिसाइल दी है, ये हमला उसी से किया गया.
मिसाइल और ड्रोन अटैक से यूक्रेनी फोर्स रूस में चार जगहों पर तबाही मचा रही है. क्रीमिया में उसने बड़े ऑपरेशन को अंजाम देने की कोशिश की. जेपोरिजिया के रोबोताइन पर यूक्रेनी सेना ने कब्जा कर लिया है. यूक्रेनी सेना तोकमक को भी जीतने के करीब है. यहां जंग तेज है. इसके साथ ही वर्बोवोई में भी खतरनाक युद्ध चल रहा है. यूक्रेन सिर्फ क्रीमिया या मॉस्को ही नहीं बल्कि रूस के एक दर्जन इलाकों को लगातार ड्रोन से दहला रहा है.
क्रीमिया के साथ-साथ रूस के दर्जन भर इलाकों में यूक्रेन 500 से ज्यादा ड्रोन दाग चुका है. ये हमले सिर्फ एक हफ्ते में किए गए हैं. सेवस्तोपोल और ब्लैक सी में यूक्रेनी सेना सी ड्रोन से भी अटैक कर रही है. रूसी इलाकों में यूक्रेन के ड्रोन हमले इसलिए तेज हो गए हैं क्योंकि यूक्रेन ने फ्रंट लाइन पर बारूद का बड़ा जखीरा भेज दिया है. यूक्रेनी मंत्री मिखाइलो फेदेरोव ने ऐलान किया है कि यूक्रेन ने एक हजार से ज्यादा घातक ड्रोन फ्रंट लाइन पर भेज दिए हैं. साथ ही रूसी पोजिशन पर हमले के लिए 30 रोबोटिक सिस्टम भी भेजे गए हैं.
यही वजह है कि यूक्रेन रूस पर हर रोज ड्रोन की बारिश कर रहा है. मिखाइलो फेदेरोव ने कहा कि हमने फ्रंट लाइन पर 1000 से ज्यादा ड्रोन भेज दिए हैं. फ्रंट लाइन पर मौजूद हमारे जवानों के पास 30 रोबोटिक सिस्टम हैं. उन्होंने कहा कि क्रीमिया पर जल्द ही यूक्रेन का कब्जा होगा. हमारी तैयारी पूरी है. क्रीमिया के फियोदोसिया में हमले के बाद रूस की सेना काफी कमजोर होती नजर आ रही है.
जेपोरिजिया में रोबोताइन जीतकर यूक्रेनी सेना तेजी से क्रीमिया की ओर बढ़ रही है. रोबोताइन ही नहीं, यूक्रेनी सेना को तोकमाक और वर्बोवोई में भी बढ़त मिल गई है. इससे मॉस्को में हड़कंप मच गया है. रूस की आन, बान और शान क्रीमिया पर आंच आई, तो मॉस्को में फिर से परमाणु प्रतिशोध की मांग होने लगी है.
रूसी ड्यूमा के डिप्टी चीफ एंड्री गुरुलेव ने कहा है कि क्रीमिया पर हमला, रूसी अस्तित्व पर सवाल उठने जैसा है. क्रीमिया पर हमला होने पर रूसी कानून के मुताबिक परमाणु ताकत का इस्तेमाल किया जा सकता है. अब वक्त आ गया है कि यूक्रेन पर परमाणु हथियारों से हमला किया जाए देर करने की जरूरत नहीं है. परमाणु हथियारों से यूक्रेन को खत्म कीजिए. उन्होंने कहा कि सबसे पहले जेपोरिजिया पर एटम बम का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके बाद यूक्रेन के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह के हमले करने होंगे.
क्रीमिया समेत मॉस्को पर लगातार हो रहे हमले और परमाणु प्रतिशोध की मांग से पुतिन पर दबाव बहुत बढ़ गया है. इस दबाव को खत्म करने के लिए, जंग जीतने के लिए पुतिन किसी भी वक्त एटमी प्रलय का बटन दबा सकते हैं. परमाणु महाविनाश की संभावना इस वक्त बहुत बढ़ गई है.