गर्मी का मौसम लगते ही उत्तराखंड के जंगल में आग की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं. पहाड़ों पर धधकती आग से पेड़-पौधे जलकर खाक हो रहे हैं. पिछले 24 घंटों में आग लगने की 13 घटनाएं हो चुकी हैं. इस आग की चपेट में आकर 11 हेक्टेयर जंगल गया है. आग अभी भी धधक रही है. आग बुझाने के लिए सेना के जवानों को लगाया गया है. आग पर काबू पाया जा रहा है लेकिन तेज हवाएं थोडा मुश्किल पैदा कर रही हैं.

आग लगने से जंगली इलाके में बड़ा नुकसान हुआ है. जंगल से उठती आग की लपटें और धुआं को दूर से देखा जा सकता है. बुधवार को भी टिहरी, नरेंद्रनगर, रामनगर, लैंसडोन वन प्रभाग और केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में ऐसी ही आग की घटनाएं दर्ज की गई हैं. आग लगने को वजह चीड़ के पेड़ से गिरी सूखी पत्तियां और घास माना जा रहा है. राज्य में लैंसडौन कोटद्वार के दुगड्डा व जयहरीखाल के सिविल जंगल में लगी आग बुधवार को भी धधकती रही. देर शाम तक वन विभाग की टीम इन क्षेत्रों में फैली आग को काबू करने के लिए मशक्कत करती रही. जयहरीखाल के सिविल जंगलों की आग अब लैंसडौन में छावनी क्षेत्र के जंगल तक पहुंच गई है. जिसकी जानकारी लगते ही सेना के जवानों ने भी आग बुझाने के लिए मोर्चा संभाल लिया है.

आखिरकार कई घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया. वहीं, फरसूला बीट के जदला के जंगल भी बुधवार तड़के तीन बजे धधकने लगे थे. सूचना मिलने पर उनकी टीम के 12 लोग तत्काल मौके पर पहुंचे और कई घंटे की मशक्कत के बाद सुबह 11 बजे आग पर काबू पा लिया. आग की चपेट में लैंसडौन वन प्रभाग का फरसूला बीट का आरक्षित क्षेत्र भी आया है. लैंसडौन रेंज के वनकर्मियों ने इस आग पर भी काबू पा लिया. आग बुझाने के लिए दोनों रेंज के 22 कर्मी लगे रहे. मनसा देवी के जंगल में भी बुधवार को आग लग गई. हालांकि, पेट्रोलिंग कर रहे वन कर्मचारियों ने आग पर जल्द ही काबू पा लिया. इस दौरान आग बुझाते हुए एक वन कर्मी मनोज शर्मा आग की चपेट आ गया. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों के अनुसार, वनकर्मी मनोज करीब 22 प्रतिशत तक झुलस गया. उसका अस्पताल में इलाज जारी है.

उत्तराखंड के जंगलों में लगातार आग लगी हुई है जो बुझने का नाम नही ले रही है. बुधवार में देखा जाए तो उत्तराखंड के जंगलों में 24 घंटे में आग की 13 नई घटनाएं हुई है. आग में 11 हेक्टेयर जंगल जल चुके हैं. सीजन की अगर बात की जाए तो इस सीजन में आग की अब तक 490 घटनाएं हो चुकी है, जिमसें 581 हेक्टेयर जंगल आग की जद आकर जल गया है. पहाड़ी जंगल में लगी आग को बुझाने के लिए सेना के जवान भी लगे हुए हैं.

उत्तराखंड के जंगल में साल 2016 में आग की बड़ी घटना हुई थी. पहाड़ी जंगल में लगी आग अप्रैल और मई के बीच धधकती रही. आग लगने से बड़ा जंगली एरिया प्रभावित हुआ था. आग लगने से 4,538 हेक्टेयर (11,210 एकड़) जंगल जलकर खाक हो गया था. आग की घटना में सात लोगों की मौत हो गई थी. आग बुझाने के लिए सेना क जवान भी लगाए गए थे.

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