फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी करने वाला ग्राम विकास अधिकारी हुआ बर्खास्त

फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पांच सालों से नौकरी करने वाला ग्राम विकास अधिकारी हुआ बर्खास्त

फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पांच सालों से नौकरी करने वाला ग्राम विकास अधिकारी हुआ बर्खास्त
फतेहपुर:- खबर यूपी के फतेहपुर से है। जहा नौकरी पाने के लिए जिले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पांच सालों से नौकरी करने वाले ग्राम विकास अधिकारी को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। जिला विकास अधिकारी ने बताया की ब्लॉक में तैनात ग्राम विकास अधिकारी ने फर्जी अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी पाई थी।

इस की भनक जब लगी तो शिकायतकर्ता के द्वारा इस की शिकायत डीएम मिर्जापुर से की गई| वही पत्राचार के माध्यम से पूरी रिपोर्ट मांगी गई थी और डीएम ने सात सदस्यीय टीम गठित कर पूरे मामले की जांच कराई और जांच के दौरान जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया और जांच रिपोर्ट एवं दस्तावेजों की पड़ताल के बाद बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई है।

फतेहपुर जिले के खागा तहसील क्षेत्र के ऐरांया विकास खंड में तैनात ग्राम विकास अधिकारी मनीष कुमार ने अनुसूचित जनजाति का फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर वर्ष 2018 से अब तक पांच सालों तक नौकरी करता रहा था जो मिर्जापुर जनपद के मड़िहान तहसील के बसही गांव का रहने वाला है। शिकायतकर्ता वीर प्रकाश की शिकायत के बाद हरकत में आए जिले के अधिकारी ने पत्राचार के माध्यम से इसकी पूरी रिपोर्ट डीएम मिर्जापुर से मांगी और इस मामले में डीएम मिर्जापुर ने जिले के अधिकारियों की साथ सदस्यीय टीम गठित कर जांच रिपोर्ट मांगी थी।

जांच रिपोर्ट में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया जिसके बाद डीएम मिर्जापुर ने जाति प्रमाण पत्र निरस्त निरस्त कर पूरी रिपोर्ट फतेहपुर जिले के डीडीओ को भेजी और जांच रिपोर्ट एवं दस्तावेजों की पड़ताल के बाद डीडीओ प्रमोद सिंह चंद्रौल ने ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई की है। आपको बता दें की वर्ष 2009 को फर्जी जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया था।

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