
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भारतीय परिधान में महिलाओं ने किया योगाभ्यास
साड़ी, सलवार सूट में भी योगाभ्यास किया जा सकता है – श्रीमती सीता
नित्य योगा करके एक महिला दो परिवारों को शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ रखती है – अर्चना पटेल
योगा करके गर्भवती महिला भी सामान्य डिलीवरी करा सकती है – योग शिक्षिका शीतल जायसवाल
लखनऊ ।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान द्वारा विशेष योग सत्र का आयोजन किया गया। जिसमें महिलाओं ने पारंपरिक भारतीय परिधान में सहभागिता की। महिला दिवस पर जनेश्वर मिश्र पार्क में भारतीय पहनावा सलवार सूट और साड़ी में योगाभ्यास किया।
योग शिक्षक सीता जी बताया कि इस अनूठी पहल का उद्देश्य नारी शक्ति, स्वास्थ्य और भारतीय संस्कृति के समन्वय को बढ़ावा देना था। महिलाओं के शारीरिक , मानसिक सशक्तिकरण में योग के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रतिभागियों ने साड़ी, सलवार-कुर्ता, और अन्य पारंपरिक परिधानों में योग के विभिन्न आसनों का अभ्यास किया, जिससे यह संदेश गया कि योग किसी भी परिस्थिति में किया जा सकता है और यह भारतीय संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है।
मां भारती नारी योग शिक्षा संस्थान की अध्यक्ष अर्चना पटेल जी ने कहा कि यह आयोजन शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक शांति और आत्मबल को बढ़ाने के लिए भी था। समाज में महिलाओं की सशक्त भूमिका को और मजबूत करने के लिए योग एक प्रभावी साधन है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षित महिला दो परिवारों को शिक्षित करती है, जागरूक करती है और यदि वही महिला दैनिक योगाभ्यास करती है तो वह दो परिवारों को शारीरिक, मानसिक रूप से स्वस्थ रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

योग शिक्षक लवी अधिकारी ने बताया कि स्वस्थ महिला ही स्वस्थ समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाती है इसलिए सभी महिलाओं को प्रतिदिन एक घंटा योग के लिए समय निकालना चाहिए। योग शिक्षक शीतल जायसवाल जी ने कहा कि
समाज में भ्रांतियां हैं कि महिला योग कैसे करेगी, साड़ी पहनकर योग कैसे करेगी वह केवल लोवर टी-शर्ट में ही योग कर सकती है लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है हम इस तरह के आयोजन करके सभी के भ्रम दूर करते हैं कि साड़ी और सलवार सूट पहनकर भी योग किया जा सकता है और शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ समाज का निर्माण किया जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान भी योग करके नार्मल डिलीवरी कराई जा सकती है जिसे केवल योग द्वारा ही संभव किया जा सकता है अन्यथा एलोपैथी चिकित्सा व प्राइवेट हॉस्पिटल तो यही सलाह देते हैं कि आप गर्भावस्था में कुछ मत करो तमाम तरह की एडवाइस करके डरा देते हैं, लेकिन योग शिक्षक श्रीमती जायसवाल जी ने कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है भारतीय संस्कृति का अनुसरण करें और नित्य योग करें। नेचुरोपैथी और योग शिक्षिका डाक्टर शिखा गुप्ता जी ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर विश्व की सभी महिलाओं से अपील करते हुए कहा कि आज की नारी, सशक्त नारी है, अबला नारी नहीं अब सबला नारी, सशक्त नारी है इसलिए प्रतिदिन योग करें और मानसिक, शारीरिक रूप से स्वस्थ रहें।

कार्यक्रम के अंत में संस्थान की अध्यक्ष अर्चना पटेल ने सभी महिला प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र वितरित किया और उन्हें अपने दैनिक जीवन में योग को अपनाने के लिए प्रेरित किया। इस आयोजन ने न केवल महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि भारतीय परंपरा और आधुनिक जीवनशैली के बीच संतुलन बनाए रखने का संदेश दिया गया। कार्यक्रम में विभिन्न महिला संगठनों की पदाधिकारी व कई महिला योग शिक्षिका उपस्थित रहीं।