लखनऊ, 1 जुलाई 2022। अल्पसंख्यक कांग्रेस चेयरमैन शाहनवाज़ आलम ने मुलायम सिंह यादव के समधी हरिओम यादव के इस बयान से सहमति जताई है जिसमें उन्होंने 2024 में सपा के समाप्त हो जाने की बात कही थी। गौरतलब है कि हरिओम यादव ने कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में मुसलमान पूरी तरह कांग्रेस में चले जाएंगे और 2027 तक सपा का कोई नामलेवा भी नहीं बचेगा।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में सपा ने अपने जातिगत वोट बैंक को भाजपा में ट्रांसफर कराया था। 2019 में तो मुलायम सिंह यादव ने संसद में यह कह कर की वो मोदी जी को दुबारा प्रधान मंत्री देखना चाहते हैं अपने सजातीय वोटरों को स्पष्ट संकेत दे दिया था कि भाजपा को जिताना है। इसी वजह से सपा-बसपा गठबंधन ग़ाज़ीपुर, घोसी, आजमगढ़, रामपुर, मुरादाबाद, संभल, अमरोहा, बिजनौर, नगीना और सहारनपुर जैसे मुस्लिम बहुल सीटों पर ही जीता। वहीं बदायूं, फ़िरोज़ाबाद और कन्नौज जैसी यादव बहुल सीटों पर भाजपा की जीत हुई थी।
उन्होंने कहा कि ज़िला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में भी सपा के सजातीय वोट बैंक का यही रवैय्या दिखा। जिसके चलते संभल से अनामिका यादव, बदायूं से वर्षा यादव, फरुख़ाबाद से मोनिका यादव और शाहजहाँपुर से ममता यादव भाजपा से निर्विरोध ज़िला पंचायत अध्यक्ष बनीं क्योंकि सपा ने उन्हें वॉक ओवर दे दिया।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमानों को सपा के जातिगत वोटरों के रवैय्ये से समझ लेना चाहिए कि वे एक षड्यंत्र के तहत कभी भी केंद्र से भाजपा को हटाने के लिए वोट नहीं करते। उन्हें लगता है कि केंद्र में भाजपा के रहने से ही डर के कारण विधान सभा चुनावों में मुस्लिम सपा को वोट देते रहेंगे। शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 2024 में अगर मुस्लिम समाज एक मुश्त कांग्रेस के साथ आ
जाए तो भाजपा से पीड़ित बाकी जातियाँ भी कांग्रेस के साथ आ जाएंगी और केंद्र में एक लोकतांत्रिक और सेकुलर सरकार बन जाएगी।