डॉ नूतन ठाकुर ने 20 साल पुराने ड्राइविंग लाइसेंस के संबंध में एफआईआर दर्ज किये जाने की मांग की है.

एसएसपी आगरा सहित अन्य सीनियर अफसरों को भेजी शिकायत के साथ उन्होंने कहा कि उनके पास कई वर्षों से एक ड्राइविंग लाइसेंस था जो 23, जवाहर बाग़, आगरा से निर्गत था तथा जिसका लाइसेंस नंबर N 117/AC/06 दिनांक 03 जनवरी 2002 था और जो 02 जनवरी 2022 तक वैध अंकित था, जिसका पुराना ड्राइविंग लाइसेंस नंबर OLD DL N 11 53/LKO अंकित था. लाइसेंस में निर्गत किये जाने की तिथि 26 जुलाई 2006 अंकित थी और इस पर लाइसेंस निर्गत करने वाले अधिकारी के हस्ताक्षर भी थे.

नूतन के अनुसार वह यह लाइसेंस विगत कई वर्षों से लगातार इस्तेमाल कर रही थी. पिछले दिनों जनवरी 2022 में इसकी वैधता समाप्त हो गयी थी.

लाइसेंस रिन्यू करते समय यह ज्ञात हुआ कि यह लाइसेंस पुराने फॉर्मेट में है और उन्हें कंप्यूटर से रिन्यूअल हेतु इसका नया कंप्यूटर कृत नंबर ज्ञात करना होगा. इस कार्य हेतु नूतन ने आगरा परिवहन कार्यालय से संपर्क किया, जिसके क्रम में समाचारपत्रों से यह ज्ञात हुआ कि उनका ड्राइविंग लाइसेंस फर्जी है और इस नंबर से कोई दूसरा लाइसेंस दर्ज है. समाचारों के अनुसार उस समय परिवहन कार्यालय आगरा में इस प्रकार के तमाम फर्जी लाइसेंस बने थे.

नूतन ने कहा कि उन्होंने अपना मूल ड्राइविंग लाइसेंस वर्ष 2002 के आसपास लखनऊ से बनवाया था. उन्होंने 2006 में पूरे पृष्ठ पर निर्गत पुराने फॉर्मेट के लाइसेंस के स्थान पर आइडेंटिटी कार्ड के साइज़ के ड्राइविंग लाइसेंस हेतु आगरा कार्यालय में अपना पुराना लाइसेंस प्रस्तुत कर नए फॉर्मेट का लाइसेंस बनवाया था.

उन्होंने इस ड्राइविंग लाइसेंस का फर्जी पाया जाना एक गंभीर मामला बताते हुए एफआईआर दर्ज कर विवेचना की मांग की है.

Translate »