सुप्रीम कोर्ट में लगातार दूसरे दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दूसरे दिन दिल्ली सीएम की ओर से अभिषेक मुन सिंघवी ने दलील पेश की. सिंघवी ने दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गवाहों के बयान की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा किया. उन्होंने कहा कि मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी पर दबाव बनाया गया कि वो केजरीवाल के खिलाफ बयान दे ताकि इसके एवज में वो अपने बेटे राघव मुंगटा को जमानत दिला सके.

दिल्ली शराब घोटाला मामले में राघव मुंगटा को पिछले साल 11 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था. सिंघवी ने कहा कि मार्च 2023 में उनके पिता ने बयान दिया था कि वो केजरीवाल से चैरिटबल लैंड को लेकर मिले थे. इस बयान में उन्होंने साफ कहा है कि ये मुलाकात आबकारी नीति को लेकर नहीं थी. पांच महीने राघव के जेल में रहने के बाद पिता एमएसआर टुट गए और उन्होंने 16-17 जुलाई को केजरीवाल के खिलाफ बयान दर्ज कराया.

सिंघवी ने दलील दी कि एमएसआर के बयान के अगले ही दिन राघव को जमानत मिल गई, ED ने जमानत अर्जी का विरोध भी नहीं किया. जिन बयानों के आधार पर केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई है, उनमें भी दिल्ली के मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई ठोस तथ्य नहीं है. ये बयान सुनी सुनाई बातों पर आधारित है. बता दें कि दिल्ली शराब घोटाला मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी की टीम ने मुख्यमंत्री केजरीवाल को 21 मार्च को उनके घर से गिरफ्तार किया था. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय की ओर से केजरीवाल को 9 बार समन जारी किया गया था, लेकिन वो पूछताछ के लिए जांच अधिकारी के सामने उपस्थित नहीं हुए थे. गिरफ्तारी के बाद केजरीवाल कई दिनों तक ईडी की कस्टडी में थे और उसके बाद कोर्ट ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. केजरीवाल फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं.

केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर ईडी की गिरफ्तारी को चुनौती दी है. एक दिन पहले यानी सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान केजरीवाल के वकील सिंघवी ने अपनी दलील पेश की थी. सिंघवी ने कहा था कि ईडी ने इस मामले में चूहे-बिल्ली का खेल किया है. हालांकि, अभी ईडी की ओर से कोर्ट में दलील रखी जानी है. सिंघवी ने कहा कि मगुंटा रेड्डी ने पहला बयान मार्च में दिया और फिर जुलाई में दूसरा बयान दिया. मगुंटा का कहना है कि कविता ने उन्हें बताया, उनके बेटे ने उन्हें बताया और फिर उनके बेटे ने कविता को बताया, यह सब अफवाह है, जो 99 प्रतिशत संबंधित अपराध के बारे में है.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ईडी से बड़ा सवाल किया. कोर्ट ने पूछा कि आम चुनाव से पहले गिरफ्तारी क्यों हुई? जांच और गिरफ्तारी में इतना लंबा अंतराल क्यों? सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जीवन और स्वतंत्रता महत्वपूर्ण है.

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