विराम दिवस की कथा में सुदामा चरित्र सुन भक्त हुए भाव विभोर

संवाददाता दिव्यांशु अग्निहोत्री/शैलजा न्यूज़

कानपुर नगर के पौराणिक स्थल ब्रम्हावर्त बिठूर में मां श्री गंगा जी के पावन तट पर स्थित श्री संकट मोचन हनुमत धाम 40 फीट हनुमान मंदिर के प्रांगण में चल रही सप्ताहिक श्रीमद् भागवत महापुराण की पवित्र पावन कथा के विश्राम दिवस में अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक पं० शिवा कान्त जी महाराज ने भगवान श्री कृष्ण के 16108 विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि यह सभी वेद की ऋचाएँ हैं जरासंध वध की कथा सुनाते हुए व्यास जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण भीम और अर्जुन तीनों ब्राह्मण का वेश धारण करके जरासंध के पास गए जरासंध ने कहा हे ब्राह्मण देवताओं आप हमसे कुछ मांग लो तब भगवान श्री कृष्ण ने कहा कि यदि आप देना ही चाहते हैं तो द्वंद युद्ध दे दीजिए तब जरासंध समझ गए कि आप ब्राह्मण नहीं है क्योंकि ब्राह्मण कभी युद्ध नहीं मांगता है तब भगवान श्री कृष्ण ने बताया कि मैं वही कृष्ण हूं जिन्होंने आपको 17 बार युद्ध में पराजित किया है और यह जो गांडीव धनुष धारण किए हुए हैं इनका नाम अर्जुन है और जो 60 मन की गदा लिए खड़े हैं इनका नाम भीम है जरासंध और भीम का युद्ध हुआ जिसमें जरासंध मारा गया अंत में बड़े ही भावपूर्ण से कथा व्यास ने पावन सुदामा चरित्र की कथा सुनाई उन्होंने कहा कि सुदामा ही जीवन है और सुशीला ही बुद्धि है सुशीला रूपी बुद्धि से प्रेरित होकर के जब जीव परमात्मा की शरण में जाता है तो उसे परम् गति प्राप्त होती है कथा के मुख्य आयोजक दीपक अवस्थी , अंकित जी , व्यवस्थापक कुं० आकांक्षा तिवारी आदि रहे कथा का पूजन विधि विधान से आचार्य प्रांजुल अवस्थी , आचार्य भास्कर भरद्वाज द्वारा कराया गया श्रीमद् भागवत कथा को सुनने के लिए उत्तर प्रदेश के अनेकों जिलों से भक्तगण बिठूर की पावन पवित्र धरती पर कथा का रसपान करने पहुंचे नेत्रपाल वेद पाठ शाला बिठूर के लगभग दो दर्जन बच्चो द्वारा कथा के दौरान वेद मंत्र का उच्चारण किया
कथा सुनने के लिए मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे पूर्व एसपी आउटर कानपुर ग्रामीण तेज स्वरूप सिंह रनिया कानपुर देहात से भाजपा विधायिका एवम् उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला व पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी , जन सेवक चौबेपुर पं० उत्तम शुक्ला व व्यास जी के पिताजी भी कथा में उपस्थित रहे कथा का रसपान करने के लिए आदि काफी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण उपस्थित रहे !

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