अंकारा। फिनलैंड को नाटो की सदस्यता मिलने की सभी बाधाएं दूर हो गयी हैं। तुर्किए की संसद ने फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने के लिए सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। अभी स्वीडन की नाटो सदस्यता की राह में तुर्किए और हंगरी की बाधा बनी हुई है।

नाटो की सदस्यता के लिए पूरी प्रक्रिया के साथ सभी सदस्य देशों की मंजूरी भी जरूरी होती है। फिनलैंड व स्वीडन ने नाटो सदस्यता के लिए आवेदन किया था। अब तक तुर्किए की संसद से दोनों देशों की सदस्यता को मंजूरी न मिलने के कारण इनकी नाटो सदस्यता अटकी हुई थी। अब तुर्किए की संसद ने एकमत से फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे दी है। नाटो के अन्य सदस्य देश पहले ही फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे चुके हैं।

स्वीडन और फिनलैंड ने साल 2022 में नाटो का सदस्य बनने के लिए आवेदन किया था। इसके बाद अधिकतर देशों ने स्वीडन और फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाने की मंजूरी दे दी थी लेकिन हंगरी और तुर्किए इसके लिए तैयार नहीं थे। तुर्किए का आरोप था कि कुर्दिश आतंकी संगठन फिनलैंड और स्वीडन से तुर्किए के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। हालांकि दोनों देशों ने तुर्किए के आरोपों से इनकार किया था। वहीं हंगरी का आरोप है कि स्वीडन और फिनलैंड में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है और दोनों देश इसके बारे में झूठ बोलते हैं। बाद में तुर्किए और हंगरी ने फिनलैंड के प्रति अपने रुख को नरम कर लिया था और फिनलैंड को नाटो में शामिल करने की मंजूरी दे दी। दोनों देश अभी भी स्वीडन की सदस्यता का विरोध कर रहे हैं। हंगरी का कहना है कि स्वीडन को सदस्यता पाने के लिए कई बड़े कदम उठाने होंगे।

नाटो की सदस्यता की राह खुलने पर फिनलैंड ने खुशी जाहिर की है। फिनलैंड के राष्ट्रपति साउली निनिस्तो ने कहा कि हमारा देश नाटो में शामिल होने के लिए तैयार है। सभी 30 देशों ने उनकी सदस्यता को मंजूरी दे दी है और वह सभी सदस्य देशों को उनका समर्थन करने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं। निनिस्तो ने कहा कि फिनलैंड एक मजबूत और सक्षम सहयोगी बनेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्वीडन भी जल्द नाटो का सदस्य बनेगा। नाटो के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने भी फिनलैंड को नाटो का सदस्य बनाए जाने का स्वागत किया और कहा कि इससे नाटो और मजबूत होगा।

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