मनकापुर में महिला के घर के सामने की जमीन का मामला

गोंडा। जिले के मनकापुर थानाक्षेत्र अन्तर्गत एक गांव में एक महिला के अपने घर के सामने छप्पर रखने के मामले में एसडीएम ने पहले तो उस जमीन को विवादित लिख दिया,बाद में बवाल बढ़ता देख इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुये सारा ठीकरा पुलिस पर फोड़ दिया।
इतना ही नहीं एसडीएम मनकापुर ने इस बारे में पुलिस के विरुद्ध जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को पत्र भी जारी कर दिया।
जिसमें यह बताया कि, राजस्व टीम के जाने पर पुलिस सहयोग नहीं करती है। जबकि, कोतवाली के धुसवा में छप्पर विवाद के समय राजस्व टीम के साथ हमेशा पुलिस बल मौजूद रहा। जिसकी वीडियो,फोटोग्राफी भी उपलब्ध है।तथा वापसी के समय थाने में कागजात दर्ज है।वही मौके पर गांव के कई लोगों ने पूछताछ करने के बाद बताया कि 4 से 5 बार सरोज पत्नी संतोष के घर पर राजस्व के साथ भारी भरकम पुलिस टीम आ चुकी है।लेकिन छप्पर जायज मिल रहा है।इसलिए नहीं हटाया जा रहा है। लोगों का कहना है कि विवादित जमीन 34 बाई 96 है, जिसका मुकदमा दो बार जनपद स्तर न्यायालय से सरोज के पक्षकारों ने डिग्री हासिल करते हुए जब जमीन पर कब्जा करना चाहा तो विपक्षियों ने हाई कोर्ट में वाद दायर कर दिया।जिसके बाद हाई कोर्ट में भी मामला डिसमिस हो गया और पुन: रिकॉल एप्लीकेशन दी गई। इसके बावजूद भी विवादित जमीन के बगल गैर विवादित अपने कब्जे की आबादी की जमीन में पीड़िता ने अपने गुजर बसर के लिए सहन पर छप्पर रखा है।उस पर भी गांव के लोग कुछ लोग विरोध करते हुए विवाद के नाम पर प्रशासनिक दबाव डलवा रहे हैं।

और इस दबाव के तहत उप जिलाधिकारी बार-बार उच्च अधिकारियों को गुमराह करते हुए गैर विवादित जमीन को भी विवादित बताकर पुलिस पर आरोप मढ़कर अपना पल्लू झड़ना चाहते हैं। वही इस संबंध में बात करने पर उप जिलाधिकारी ने बताया दो ढाई फीट का विवाद है बस। तथा प्रभारी निरीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मामले की कई बार जांच पड़ताल हो चुकी और चौकी की पुलिस तथा थाने की पुलिस हमेशा राजस्व टीम के साथ गई थी। जिसके ऑन रिकॉर्ड फोटो,वीडियो के साथ दर्ज कागजात रिकॉर्ड भी मौजूद हैं।पुलिस को किसी भी प्रकार से छप्पर गिरने का अधिकार नहीं है।यह मजिस्ट्रेट द्वारा उचित निर्णय लिया जाए और हस्तक्षेप करके गिराया जाता तो पुलिस सुरक्षा में खड़ी थी।लेकिन ऐसा कुछ नहीं किया गया।

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