भारत ने यूएन में कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की को भी जमकर लताड़ लगाई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 55वें सत्र में भारत ने तुर्की को फटकार लगते हुए कहा कि कश्मीर के मुद्दे पर किसी दूसरे देश की दखलअंजादी बर्दाश्त नहीं है. यह भारत का आंतरिक मामला है. तुर्की द्वारा की गई टिप्पणी पर हमें खेद है.

भारत की प्रथम सचिव अनुपमा सिंह ने तुर्की के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि यह भारत का आंतरिक मामला है और किसी दूसरे देश को इसमें दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए. अनुपमा सिंह ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है तुर्की आगे से हमारे आंतरिक मामलों में दखल नहीं देगा और कुछ भी टिप्पणी करने से बचेगा.

सिंह ने कहा कि भारत के खिलाफ आरोप लगाकर एक बार फिर इस मंच का दुरुपयोग किया गया. जम्मू और कश्मीर व लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है. जम्मू-कश्मीर में सामाजिक विकास के साथ-साथ आर्थिक विकास भी हो रहे हैं. इसके अलावा केंद्र शासित प्रदेश में सुशासन सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा संवैधानिक उपाय किए गए हैं. ये भारत के आंतरिक मामले हैं.

बता दें कि संयुक्त राष्ट्र की जनरल असेंबली में तुर्की ने कहा था कि दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और विकास के लिए कश्मीर में न्याय के साथ शांति स्थापित होना बेहद जरूरी है. तुर्की के इसी बयान पर भारत ने UNHRC में हमला बोला है.

भारत ने पाकिस्तान को लताड़ लगाते हुए कहा कि जो देश अपने ही देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ क्रूर व्यवहार करता हो, वह भारत के खिलाफ क्या आरोप लगाएगा. यूएन के मंच पर भारत ने पाकिस्तान पर हमला बोलते हुए कहा कि जो देश आतंकी को पनाह देता हो, जिसका मानवाधिकार रिकॉर्ड वास्तव में बेहद खराब हो, भारत के खिलाफ उसकी टिप्पणी न केवल विडंबनापूर्ण है बल्कि विकृत भी है.

भारत ने आगे कहा कि हम उस देश पर ज्यादा ध्यान नहीं देते, जो खुद आर्थिक तंगी का शिकार हो. भारत ने कहा कि हम उस देश पर ज्यादा ध्यान नहीं दे सकते जिस देश में खाने के लाले पड़ रहे हों, जिसका बैलेंस शीट खराब हो.

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