ऑस्ट्रेलिया की मीडिया चर्चा में है या यूं कहें विवादों में है. क्रिकेट हो या वैश्विक कूटनीति…ऑस्ट्रेलिया को इन दोनों क्षेत्रों में भारत से कड़ी टक्कर मिल रही है. वैसे तो भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच अच्छे संबंध हैं, लेकिन वहां की मीडिया कुछ ऐसा कर जाती है जिससे संबंधों में हल्की फुल्की कड़वाहट आ जाती है. दरअसल, ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने आरोप लगाया है कि हमारे मिलिट्री सीक्रेट को चोरी करने की कोशिश की गई. उसने भारत पर ऐसा करने का आरोप लगाया. हालांकि उसके आरोपों पर वहां की सरकार ने कुछ नहीं कहा है.
ऑस्ट्रेलिया की मीडिया दावा कर रही है कि भारत की एक पूरी स्पाई रिंग चल रही थी जो बड़े स्केल पर काम कर रहे थे. ऑस्ट्रेलियाई ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन (एबीसी) ने बताया, संवेदनशील रक्षा परियोजनाओं और हवाई अड्डे की सुरक्षा के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया के व्यापार संबंधों पर जानकारी चुराने की कोशिश की गई. ऑस्ट्रेलियन और सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने कहा कि दो भारतीय जासूसों को देश छोड़ने के लिए कहा गया था. ये तो हो गया उसकी ताजा टिप्पणी.
अब जरा चलते हैं तोड़ा पीछे. 4 साल पहले यानी 2020 में ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा खुफिया संगठन (ASIO) ने वहां रहने वाले भारतीय जासूसों पर वर्तमान और पूर्व राजनेताओं के साथ घनिष्ठ संबंध विकसित करने का आरोप लगाया गया था. इसके बाद 2021 में ASIO के महानिदेशक माइक बर्गेस ने जासूसी नेटवर्क का संकेत दिया था, लेकिन उन्होंने यह खुलासा नहीं किया कि इसके पीछे कथित तौर पर कौन सा देश था. उन्होंने कहा था कि ऑस्ट्रेलिया क्या निर्यात करता है और कब करता है, ये सारी जानकारी निकालने की कोशिश की गई थी. ऑस्ट्रेलिया के जो एयरपोर्ट्स हैं, वहां पर चेकिंग कैसी होती है, क्या प्रोटोकाल होता है, ये सारी जानकारी निकालने की कोशिश की गई.
जासूसी का आरोप तो ऑस्ट्रेलिया की मीडिया लगा रही है, लेकिन वहां की सरकार का क्या कहना है. ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग से जब इस रिपोर्ट के बारे में पूछा गया कि तो उन्होंने कहा कि ठीक है, आपको मेरा जवाब सुनकर आश्चर्य नहीं होगा कि हम खुफिया मामलों पर टिप्पणी नहीं करते हैं. उन्होंने ये भी कहा कि भारत हमारा दोस्त है और हमारे साथ उसके संबंध बहुत अच्छे हैं.