पाकिस्तान के इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की एक याचिका गुरुवार को खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने तोशखाना भ्रष्टाचार मामले में लोअर कोर्ट के आदेश पर पूरी तरह रोक लगाने की अपील की थी. अदालत के इस फैसले को जेल में बंद इमरान खान के लिए एक नया झटका माना जा रहा है.

इस्लामाबाद की एक लोअर कोर्ट ने तोशखाना मामले में पांच अगस्त को इमरान खान (71) को दोषी करार दिया था. यह मुकदमा पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने दायर किया था. इस फैसले का मतलब था कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष इमरान खान पांच साल तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

वहीं इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के पांच अगस्त के आदेश पर 28 अगस्त को रोक लगा दी थी. इमरान खान ने आदेश पर स्पष्टीकरण के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. वहीं कोर्ट ने अपने फैसले में मामले में इमरान की दोषसिद्धि और अयोग्यता तब तक बरकरार रखी थी जब तक उनकी मुख्य अपील पर फैसला नहीं हो जाता. उनकी दोषसिद्धि पर अब तक रोक नहीं लगी है, इसलिए वह सार्वजनिक पद के अयोग्य हैं.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामाबाद हाईकोर्ट (आईएचसी) ने गुरुवार को तोशखाना मामले में लोअर कोर्ट के फैसले को पूरी तरह निलंबित करने की उनकी याचिका खारिज कर दी. नौ पेज के विस्तृत फैसले में, आईएचसी के मुख्य न्यायाधीश अमीर फारूक और न्यायमूर्ति तारिक महमौर जहांगीरी ने फैसला सुनाया कि आवेदन पर तत्काल विचार नहीं किया जा सकता, लिहाजा इसे खारिज किया जाता है.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ने घोषणा की थी कि पाकिस्तान की जेल में बंद इमरान खान कम से कम तीन निर्वाचन क्षेत्रों से आम चुनाव लड़ेंगे. वहीं इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की अयोग्यता को रद्द करने की अपील खारिज कर दी. इससे अब वह आठ फरवरी को होने वाला चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

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