साउथ अफ्रीका में 30 साल में ऐसा पहली बार है जब नेल्सन मंडेला की पार्टी को सत्ता में आने के लिए गठबंधन का सहारा लेना पड़ेगा. अब तक ANC को महज 40.21 फीसद वोट हासिल हुए हैं. वहीं पूर्व राष्ट्रपति जैकब जूमा की पार्टी तीसरे नंबर पर जाती दिख रही है. जैकब ने सैक्स स्कैंडल और भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कुर्सी गंवाई थी. उनकी पार्टी को इस चुनाव में 14.61 फीसद वोट मिले हैं.

ANC ने 30 साल पहले 1994 में नेल्सन मंडेला के नेतृत्व पहली बार बहुमत हासिल किया था. इसके बाद उसकी जीत का सिलसिला नहीं रुका और आज भी ANC 40 फीसदी वोटों के साथ देश की सबसे बड़ी पार्टी बनके उभरी है, साउथ अफ्रीका की मुख्य विपक्षी पार्टी ‘डेमोक्रेटिक अलायंस’ को करीब 21 फीसदी, पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की ‘MK पार्टी’ को 14 फीसदी और ‘इकोनॉमिक फ्रीडम फाइटर्स’ को 9 फीसदी वोट हासिल हुए हैं. ऐसी सूरत में ANC को सरकार बनाने के लिए किसी दूसरी पार्टी का सहारा लेना पड़ेगा.

पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा ने 2018 में ANC से निकाले जाने के बाद 2019 में अपनी अलग पार्टी MK बना ली थी. खबरों के मुताबिक जुमा की पार्टी ने सबसे ज्यादा ANC के वोटों में सेंध मारी है. उनकी पार्टी को 14 फीसदी से ज्यादा वोट मिले हैं और वे गठबंधन की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

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