मनुष्यों की मुक्ति का आधार श्रीराम का नाम : नीरजानंद शास्त्री
मिर्जापुर:- चुनार क्षेत्र केभुइलीखास गांव स्थित गिरजा माता मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीराम कथा की पांचवीं संध्या गुरूवार को कथा व्यास पंडित नीरजानंद शास्त्री ने सीता विवाह,विवाह उपरांत चारों भाइयों का अयोध्या आगमन और कैकेई द्वारा भरत को राज्य एवं राम को वनवास की सुंदर कथा सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उन्होंने कथा श्रवण कराते हुए कहा कि अयोध्या आगमन के उपरांत राम के राज्याभिषेक की तैयारी होने लगी।
राम राज्याभिषेक की घोषणा पर अयोध्या में हर्ष का माहौल हो गया।मंथरा के बहकावे में महारानी कैकेई ने महराराज दशरथ से वरदान स्वरूप भरत को राजगद्दी एवं राम को 14 वर्ष का बनवास मांग लिया।अयोध्या नगरी में मायूसी छा गई एवं पिता के वरदान का मान रखने के लिए श्रीराम अपनी पत्नी सीता एवं भाई लक्ष्मण के साथ वन को निकल गए।उन्होंने कहा कलियुग में राम का नाम लेने मात्र से मनुष्य का उद्धार हो जाता है। कथा के अंत में आरती कर श्रोताओं में प्रसाद का वितरण किया गया।
इस दौरान अमित पांडेय,करूणाशंकर पांडेय, सुनील पांडेय,बलदाऊ केशरी,शत्रुंजय पांडेय, चंद्रभूषण तिवारी,भिखारी यादव,लोकू यादव, रमेश पांडेय, गोविंद केशरी, दिनेश केशरी, भरतलाल केशरी ईत्यादि लोग मौजूद रहे।