The second session of the Naval Commanders Conference 2023 was held in discussion with the Minister of State for Defence, senior naval officers.

नौसेना कमांडर सम्मेलन-2023 का दूसरा सत्र आयोजित, रक्षा राज्य मंत्री का वरिष्ठ नौ सेना अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श

by PIB Delhi

माननीय रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने 04 सितंबर 23 को नई दिल्ली में शुरू हुए द्वि-वार्षिक नौसेना कमांडर सम्मेलन के दौरान वरिष्ठ नौसेना अधिकारियों के साश विचार-विमर्श किया। वर्ष 2023 से कमांडर सम्मेलन स्थल को दिल्ली से बाहर स्थानांतरित कर दिया गया था, इसका पहला संस्करण मार्च 2023 में आईएनएस विक्रांत पर आयोजित किया गया। आज शुरू हुए दूसर संस्करण में पहले संस्करण के दौरान लिए गए निर्णयों के कार्यान्वयन की स्थिति की समीक्षा करना है। विचार-विमर्श के दौरान रक्षा राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट ने राष्ट्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए समुद्र सीमाएं सुरक्षित रखने में उच्च परिचालन गति बनाए रखने के लिए नौसेना की सराहना की। उन्होंने 2047 तक पूर्णतः आत्मनिर्भरता की दिशा में स्वदेशीकरण और नवाचार के प्रयासों के लिए नौसेना की सराहना की। इसका उदाहरण हाल ही में स्वदेशी स्टील्थ फ्रिगेट विंध्यगिरि और महेंद्रगिरि के लॉन्च के दौरान देखा गया। उन्‍होंने माननीय प्रधानमंत्री द्वारा प्रतिपादित पंच प्रण के अनुरूप लगातार पहल करने के लिए नौसेना की सराहना की। इस अवसर पर सेना प्रमुख जनरल अनिल चौहान, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के सचिव डॉ. समीर वी. कामत और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

उद्घाटन सत्र  (आरआरएम भाषण के अंश)।

टेक डेमो- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, टैक्टिकल कम्युनिकेशंस, कॉम्बैट मैनेजमेंट सिस्टम, साइबर सिक्योरिटी, अंडरवाटर डोमेन अवेयरनेस और कॉम्बैट प्लेटफॉर्म इंटीग्रेशन के क्षेत्र में विशिष्ट प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए भारतीय नौसेना की चल रही और योजनाबद्ध स्वदेशी परियोजनाओं को सम्मेलन में प्रदर्शित किया गया। इसके अतिरिक्त आराम की बेहतर सुविधाएं, स्वच्छता और कार्यक्षमता के लिए सेवा में नए डिज़ाइन की गई वस्तुएं प्रदर्शित की जा रही हैं। सम्मेलन के अवसर पर उच्च अवशोषण टी-शर्ट, टोपी और जैकेट, उच्च तकनीक युक्त जूते और मेस/समारोहों के लिए राष्ट्रीय नागरिक पोशाक प्रदर्शित की गई।

रक्षा राज्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान समुद्री अवसंरचना परिप्रेक्ष्य योजना 2023-37, आईआरएस नियम और विनियम पुस्तिका, पारिवारिक लॉगबुक तथा इलेक्ट्रॉनिक सेवा दस्तावेज़ परियोजना भी जारी की।

एमआईपीपी का  लक्ष्य  एक व्यापक परिप्रेक्ष्य योजना मॉडल के माध्यम से अगले 15 वर्षों में नौसेना की बुनियादी ढांचे की आवश्यकताओं को लागू करना है। योजना दस्तावेज़ को टिकाऊ बुनियादी ढांचे के निर्माण पर भारत सरकार के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा गया है। इसमें पीएम गति शक्ति परियोजना, आपदा प्रभाव में कमी, कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने सहित व्यापक नीति निर्देशों का अनुपालन शामिल हैं।

नौसेना लड़ाकों के निर्माण और वर्गीकरण के लिए आईआरएस नियम और विनियम हैंडबुक की तकनीकी प्रगति एवं आत्मनिर्भरता को पूरा करने के लिए 2015 के पिछले संस्करण से संशोधित किया गया है। नई नियम पुस्तिका नौसेना जहाज निर्माण उद्योग में आत्मनिर्भरता का प्रतिनिधित्व करती है।

भारतीय नौसेना के रक्षा नागरिक कर्मियों के लिए पारिवारिक लॉगबुक नौसेना के नागरिक कर्मियों के परिवारों के संदर्भ के लिए एक व्यक्तिगत वित्तीय रिकॉर्ड बुक है, जो बीमा, ऋण, निवेश आदि पर महत्वपूर्ण वित्तीय जानकारी प्रदान करती है। यह आपातकाल- परिवारिक संकट स्थिति, दुर्घटना आदि के समय में काम करेगी।

इलेक्ट्रॉनिक सेवा दस्तावेज परियोजना डिजिटल इंडिया विज़न के अनुरूप नौसेना कर्मियों के मानव संसाधन रिकॉर्ड रखने और प्रबंधन को एक कुशल, डिजिटल, केंद्रीकृत और पारदर्शी प्रक्रिया में बदल देगी।

अपने उद्घाटन भाषण में एडमिरल आर हरि कुमार, सीएनएस ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “देश की समुद्री शक्ति के एक साधन के रूप में, हमें अपने रास्ते में आने वाले प्रत्येक मिशन और प्रत्येक कार्य को पूरा करना चाहिए। दूसरा, हमें सागर के दृष्टिकोण में हिंद महासागर क्षेत्र और उससे आगे के क्षेत्र के उत्थान के लिए तैयार रहना चाहिए। तीसरा, हमारे उभरते राष्ट्र की अग्रणी धार के रूप में, हमें अपने आस-पास हो रहे बड़े सामाजिक परिवर्तनों को अपनाना चाहिए। चौथा, हम भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए संयुक्त आधार और एकीकरण की भावना को आगे बढ़ाने के लिए सीडीएस और अन्य दो सेवाओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

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