नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि ऑनलाइन शिक्षा प्रदान करने वाली पिजन एजुकेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की कंपनी ओडाक्लास पर चीनी नागरिकों का स्वामित्व है और भारतीय निदेशक कठपुतली के अलावा कुछ नहीं हैं। ईडी ने कहा कि पिजन एजुकेशन टेक्नोलॉजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने चीन और हांगकांग को 82.72 करोड़ रुपये की हेराफेरी की। ईडी ने कहा, ‘फर्म के मामले में हमने फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट की धारा 37ए के तहत 8.26 करोड़ रुपये जब्त किए हैं।’

कंपनी ओडाक्लाश के नाम से ऑनलाइन एजुकेशन मुहैया करा रही है।

ईडी ने पहले कंपनी के खिलाफ तलाशी और जब्ती की कार्रवाई की थी और पाया था कि कंपनी पर चीनी नागरिकों का 100 प्रतिशत स्वामित्व है और कंपनी के सभी मामले, वित्तीय निर्णय सहित, चीन में बैठे व्यक्तियों द्वारा लिए जा रहे हैं।

अधिकारी ने कहा, जांच के दौरान, यह पता चला कि कंपनी ने चीनी निदेशक लियू कैन के निर्देश पर विज्ञापन और विपणन व्यय के नाम पर चीन और हांगकांग को 82.72 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। कंपनी सेवा की प्राप्ति का कोई सबूत पेश नहीं कर सकी।

ईडी ने कहा कि कंपनी के निदेशक और लेखा प्रबंधक ने भी जांच के दौरान स्वीकार किया है कि चीनी निदेशक लियू कान के निर्देश पर ही भुगतान किया गया था।

कंपनी के भारतीय निदेशक, वेदांत हमीरवासिया ने कहा कि चीनी निदेशक ने उन्हें बताया कि उक्त विज्ञापन गूगल और फेसबुक के माध्यम से प्रकाशित किए गए थे, हालांकि, इन प्लेटफार्मों द्वारा कोई पुष्टि या चालान प्रस्तुत नहीं किया गया था।

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