केंद्र सरकार ने 22 मई, 2022 से पहले की यथास्थिति को बहाल कर दिया है और 58 प्रतिशत लौह मात्रा से कम वाले लौह अयस्क लंप्स और फाइन्स, लौह अयस्क पेलेट्स और पिग आयरन समेत निर्दिष्ट इस्पात उत्पादों पर लगने वाला निर्यात शुल्क वापस ले लिया है। एन्थ्रेसाइट/पीसीआई कोयला, कोकिंग कोल, कोक व सेमी कोक और फेरोनिकेल पर आयात शुल्क रियायतें भी वापस ले ली गई हैं।
इस प्रकार 19 नवंबर, 2022 से निम्न नियम प्रभावी होंगे –
- लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स <58 प्रतिशत लौह मात्रा के निर्यात पर शून्य निर्यात शुल्क शून्य होगा।
- लौह अयस्क लम्प्स और फाइन्स >58 प्रतिशत लौह मात्रा के निर्यात पर 30 प्रतिशत का कम निर्यात शुल्क लगेगा।
- लौह अयस्क पेलेट्स के निर्यात पर शून्य निर्यात शुल्क शून्य होगा।
- एचएस 7201, 7208, 7209, 7210, 7213, 7214, 7219, 7222 और 7227 के तहत वर्गीकृत पिग आयरन और स्टील उत्पादों के निर्यात पर शून्य निर्यात शुल्क शून्य होगा।
- एन्थ्रेसाइट/पीसीआई और कोकिंग कोल तथा फेरोनिकेल पर 2.5 प्रतिशत का आयात शुल्क लगेगा।
- कोक और सेमी कोक पर 5 प्रतिशत आयात शुल्क लगेगा।
मई, 2022 में, इस्पात की कीमतों में तेज और लगातार वृद्धि को देखते हुए तथा तैयार इस्पात के साथ-साथ इस्पात निर्माण के लिए आवश्यक कच्चे माल या मध्यवर्ती सामग्री की उपलब्धता बढ़ाने के लिए, सरकार ने इस साल की शुरुआत में कई टैरिफ संबंधी उपाय किए थे। 22 मई, 2022 से 58 प्रतिशत से अधिक लौह मात्रा वाले लौह अयस्क लम्प्स पर निर्यात शुल्क मूल्य के अनुसार 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया; 58 प्रतिशत से कम लौह मात्रा वाले लौह अयस्क पर 50 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया; लौह अयस्क पेलेट्स पर 45 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया; पिग आयरन (एच एस 7201, 7208, 7209, 7210, 7213, 7214, 7219, 7222, 7227) सहित मिश्र धातु और गैर-मिश्र धातु इस्पात के विभिन्न रूपों पर मूल्य के अनुसार 15 प्रतिशत का निर्यात शुल्क लगाया गया एवं एन्थ्रेसाइट/पीसीआई कोयला, कोकिंग कोल, कोक व सेमी कोक और फेरोनिकेल पर आयात शुल्क में छूट दी गई थी।
मौजूदा उपायों से घरेलू इस्पात उद्योग और निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।