ब्रिटेन में एक टेंशन बढ़ाने वाला मामला सामने आया है. यहां पहली बार किसी इंसान में सुअरों में पाए जाने वाले वायरस का पता चला है. यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने इसकी जानकारी दी है. एजेंसी ने कहा है कि ब्रिटेन में पहली बार किसी इंसान में स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन A(H1N2)v का पता चला है. रूटीन चेकअप के दौरान यह जानकारी सामने आई है.

UKHSA ने बताया कि जिस शख्स में इस स्ट्रेन का पता चला. उसे सांस लेने में दिक्कत महसूस हो रही थी. जब उसका टेस्ट किया गया तो उसमें स्वाइन फ्लू के स्ट्रेन H1N2 का पता चला.दरअसल, यह सूअरों में फैलने वाला वायरस है. मगर इस स्ट्रेन के इंसान में पाए जाने का यह पहला मामला है. हालांकि, वह शख्स अब पूरी तरह से ठीक है लेकिन उस पर लगातार नजर रखी जा रही है.

यूके हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी की इंसिडेंट डायरेक्टर डॉ. मीरा चंद ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है जब हमें ब्रिटेन में किसी इंसान में इस वायरस का पता चला है. यह वायरस आमतौर पर सूअरों में पाया जाता है. बता दें कि स्वाइन फ्लू पैंडेमिक ने 2009 में लाखों लोगों को संक्रमित किया था. यह एक वायरस के कारण हुआ था जिसमें सूअरों, पक्षियों और इंसानों में प्रसारित होने वाले वायरस का जेनेटिक शामिल था.

बता दें कि दुनिया में एक बार फिर से वायरस का खतरा मंडराता हुआ नजर आ रहा है. चीन में निमोनिया तेजी से पैर पसार रहा है. अस्पतालों में निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मगर चीन इसको लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा नहीं जारी कर रहा है, जिसे ये पता चल सके कि अभी तक इस रहस्मयी बुखार से कितने लोग प्रभावित हुए हैं और यह निमोनिया चीन के कितने राज्यों तक फैल चुका है.

चीन में ज्यादातर बच्चे इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. कहा जा रहा है कि एक दिन में सात हजार से ज्यादा बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं. चीनी निमोनिया को लेकर भारत भी सतर्क है क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि कोरोना महामारी भी चीन की ही उपज थी, जिसने पूरी दूनिया में कोहराम मचा दिया था.

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